कुआं हमेशा गोल ही क्यों होता है चौकोर या तिकोना क्यों नहीं अगर IAS इंटरव्यू में पूछा जाए तो क्या जवाब देंगे
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गोल आकार मिट्टी और पानी के दबाव को चारों तरफ समान रूप से डिस्ट्रिब्यूट करता है, जिससे दीवारों के टूटने या गिरने की संभावना बेहद कम हो जाती है। इसलिए गोल कुआं अधिक मजबूत और टिकाऊ होता है।
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गोल शैप की वजह से कुएं की दीवारों पर कोई एकतरफा दबाव नहीं पड़ता। इससे धरती के अंदर से आने वाला नेचुरल प्रेशर स्टैबल रहता है, जिससे कुआं सालों तक सुरक्षित बना रहता है।
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गोल कुएं की खुदाई करना तकनीकी रूप से आसान होता है क्योंकि इसमें हर दिशा में समान रैशीओ में खोदाई होती है। इससे समय और मेहनत दोनों की बचत होती है, जो रुरल इलाकों में खास मायने रखता है।
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जब कुएं में पानी भरता है, तो उसका दबाव गोल आकार की दीवारों पर समान रूप से पड़ता है। इससे कुएं की स्ट्रक्चर पर कोई एकतरफा बोझ नहीं पड़ता, जो उसे और भी टिकाऊ बनाता है।
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यदि कुएं को तिकोना या चौकोर बनाया जाए, तो कोनों पर दबाव ज्यादा पड़ता है, जिससे क्रैक और लीकिज की संभावना बढ़ जाती है, और यह किसानों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
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गोल शैप में कम इनग्रेडिएंट से ज्यादा जगह मिलती है, जिससे पानी को स्टोर करने के लिए जगह बढ़ जाती है और बनावट लागत भी कम होती है।
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सिविल इंजीनियरिंग के नियम के अनुसार गोल डिजाइन सबसे मजबूत होता है। इसलिए कुएं जैसी संरचनाओं में गोल आकार को प्राइऑरटी दी जाती है।
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आजकल ज्यादातर खुदाई और बोरिंग मशीनें गोल ड्रिलिंग के लिए डिजाइन की जाती हैं। इससे तकनीकी रूप से गोल कुएं बनाना ही सबसे प्रैक्टिकल ऑप्शन बन जाता है।
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