mpbreakingnews

हिरण को क्यों नहीं समझ आता कि जिसकी खुशबू वह जंगल-जंगल ढूंढता है, वो अनमोल कस्तूरी तो उसी के भीतर छुपी है — बस अगर वो पहचान जाए, तो सारी बेचैनी पलक झपकते ही दूर हो जाए।

mpbreakingnews

"कस्तूरी कुंडलि बसै..." कहावत का भाव यह है कि हिरण जिस सुगंध को पूरे जंगल में ढूंढता है, वह उसके अपने शरीर में ही होती है। यह सुगंध उसे भ्रमित कर देती है और वह समझ नहीं पाता कि वह खुद उसका स्रोत है।

mpbreakingnews

कस्तूरी एक सुगंधित पदार्थ है जो केवल वयस्क नर कस्तूरी मृग में पाया जाता है। यह उसकी नाभि के पास स्थित एक थैली से निकलती है, जिसकी लंबाई 3 से 7.5 सेमी तक होती है।

mpbreakingnews

कस्तूरी को दुनिया के सबसे महंगे और दुर्लभ प्राकृतिक सुगंधित पदार्थों में गिना जाता है। इसकी तीखी महक इंसानों के लिए आकर्षक लेकिन कभी-कभी हानिकारक भी हो सकती है।

mpbreakingnews

एक मृग से लगभग 25-30 ग्राम कस्तूरी मिलती है, जिसकी वजह से कस्तूरी मृग का अवैध शिकार बहुत होता है। यही कारण है कि इसका व्यापार अब अधिकतर देशों में प्रतिबंधित है।

mpbreakingnews

कस्तूरी का इस्तेमाल दवाओं (जैसे दमा, मिर्गी, जुकाम, निमोनिया) में, खाद्य पदार्थों में स्वाद बढ़ाने और महंगे इत्रों में खुशबू के लिए किया जाता है।

mpbreakingnews

इस हिरण की त्वचा पर रंगीन धब्बे होते हैं, सींग नहीं होते और इसकी पूंछ बिना बालों की होती है। इसके पिछले पैर लंबे होते हैं और दो दांत पीछे की ओर झुके होते हैं।

mpbreakingnews

इसके कान अत्यंत संवेदनशील होते हैं, जिससे यह हर हलचल को भांप सकता है। इसी कारण यह मृग दुनिया के सबसे सतर्क जानवरों में एक माना जाता है।

mpbreakingnews

कस्तूरी जैसी गंध वाली ग्रंथियाँ अन्य जीवों में भी मिलती हैं जैसे – कस्तूरी बतख, कस्तूरी बैल, सीविट बिल्ली, मगरमच्छ, कछुए, सांप आदि। मगरमच्छों में ये ग्रंथियाँ दो स्थानों पर पाई जाती हैं: जबड़े और क्लोअका में।

यमराज खुद धरती पर टहलते नजर आए! वायरल वीडियो देखकर रह जाएंगे दंग, लोगों ने भी किए मजेदार कमेंट्स।