आज का समय दिखावे और तुलना का समय है। रिश्ते पहले जैसे सरल नहीं रहे। छोटी-छोटी बातों पर गलतफहमी, जलन और दूरी पैदा हो जाती है। ऐसे दौर में आचार्य चाणक्य की नीतियां हमें बहुत साफ संदेश देती हैं हर सच हर किसी के सामने नहीं रखना चाहिए। चाणक्य नीति सिर्फ राजनीति या शासन के लिए नहीं, बल्कि आम इंसान के जीवन और रिश्तों के लिए भी उतनी ही जरूरी है।
हम देखते हैं कि कई बार अपने ही रिश्तेदार हमारी बातों को तोड़-मरोड़कर दूसरों तक पहुंचा देते हैं। कभी मजाक में कही बात भी बाद में बड़ा रूप ले लेती है। इसी कारण चाणक्य नीति रिश्तेदारों के साथ भी कुछ सीमाएं तय करने की सलाह देती है। यही सीमाएं इंसान की शांति, इज्जत और भविष्य को सुरक्षित रखती हैं।
चाणक्य नीति क्या कहती है गोपनीयता के बारे में
आचार्य चाणक्य का मानना था कि जो व्यक्ति हर बात सबको बता देता है, वह खुद को कमजोर बना लेता है। चाणक्य नीति में साफ कहा गया है कि अपनी ताकत, कमजोरी और योजनाओं को छिपाकर रखना ही बुद्धिमानी है। खासकर रिश्तेदारों के मामले में यह बात और भी ज्यादा लागू होती है। रिश्तेदार हमारे अपने होते हैं, लेकिन हर कोई हमारा शुभचिंतक नहीं होता। कुछ लोग हमारी तरक्की से खुश होते हैं, तो कुछ लोग भीतर ही भीतर जलन महसूस करते हैं।
1. अपनी असली आमदनी कभी न बताएं
चाणक्य नीति के अनुसार अपनी कमाई का पूरा हिसाब रिश्तेदारों को बताना नुकसानदायक हो सकता है। जब लोग आपकी आय जानते हैं, तो दो बातें होती हैं। या तो वे आपसे जलने लगते हैं या फिर आपसे मदद की उम्मीद करने लगते हैं। कई बार रिश्तेदार उधार मांगने लगते हैं और मना करने पर रिश्तों में खटास आ जाती है। इसलिए अपनी आर्थिक स्थिति को निजी रखना ही बेहतर होता है। आर्थिक गोपनीयता आपको तनाव और विवाद से बचाती है।
2. लव लाइफ और निजी रिश्तों की बातें साझा न करें
अपने पार्टनर के साथ आपका रिश्ता बहुत निजी होता है। चाणक्य नीति कहती है कि रिश्तेदारों को भी अपनी लव लाइफ की हर बात नहीं बतानी चाहिए। जब ज्यादा लोग आपके रिश्ते के बारे में जानते हैं, तो हर कोई सलाह देने लगता है। कुछ लोग शक पैदा करते हैं, तो कुछ गलत बातें भर देते हैं। इससे आपके रिश्ते में तनाव आ सकता है। बेहतर है कि अपने रिश्ते की बातें सिर्फ अपने पार्टनर तक ही सीमित रखें।
3. बीते हुए संघर्ष और गरीबी का ज्यादा जिक्र न करें
आपने जिंदगी में कितनी मुश्किलें झेली हैं, यह हर किसी को बताना जरूरी नहीं है। चाणक्य नीति के अनुसार लोग आपकी मेहनत से ज्यादा आपकी कमजोरियों को याद रखते हैं। जो लोग आज आपके साथ मुस्कुरा रहे हैं, वही कल आपकी पुरानी हालत को ताना बना सकते हैं। इसलिए अपने संघर्ष को सम्मान के साथ याद रखें, लेकिन उसे सबके सामने न खोलें।
4. घर के अंदर की तकरार बाहर न जाने दें
हर परिवार में कभी न कभी मतभेद होते हैं। लेकिन चाणक्य नीति कहती है कि घर के झगड़े घर तक ही सीमित रहने चाहिए। जब ये बातें रिश्तेदारों तक पहुंचती हैं, तो वे चर्चा का विषय बन जाती हैं। इससे परिवार की इज्जत पर असर पड़ता है और समस्या और बड़ी हो जाती है।
5. भविष्य की बड़ी योजनाएं पहले न बताएं
चाणक्य नीति में साफ लिखा है कि काम पूरा होने से पहले उसका ढिंढोरा नहीं पीटना चाहिए। अगर आप अपनी योजनाएं पहले ही बता देते हैं, तो नकारात्मक सोच और ईर्ष्या आपकी राह में रुकावट बन सकती है। जब काम पूरा हो जाए, तब उसकी जानकारी देना सुरक्षित रहता है। इससे आपकी सफलता पर सवाल भी नहीं उठते।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।





