क्या आप भी महसूस करते हैं कि घर में बिना किसी वजह के नेगेटिव माहौल बना रहता है या काम बनते-बनते रुक जाते हैं? अगर हां, तो हो सकता है कि आपके घर का वास्तु बिगड़ा हुआ हो। वास्तु शास्त्र मानता है कि घर की सजावट भी आपके जीवन की दिशा तय कर सकती है।
आज के दौर में हर कोई चाहता है कि उसका घर न सिर्फ सुंदर दिखे, बल्कि वहां पॉजिटिव एनर्जी भी बनी रहे। इसके लिए आपको बड़े बदलाव की नहीं, बल्कि कुछ छोटे लेकिन असरदार सजावटी चीजों की ज़रूरत होती है। हम आपको बता रहे हैं तीन ऐसे आसान और वास्तु-सम्मत डेकोर आइटम्स जो आपके घर में सुख-शांति और समृद्धि लाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
वास्तु सुधार के लिए ये 3 आइटम्स
मोर पंख
मोर पंख को वास्तु शास्त्र में बहुत शुभ माना गया है। यह घर में बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का काम करता है। इसे मुख्य द्वार के पास, पूजा कक्ष के उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पूर्व कोने में सजाना चाहिए। इससे सौभाग्य और सहज सकारात्मकता आती है
सात घोड़ों की पेंटिंग
सुबह दौड़ते हुए सात सफेद घोड़ों की पेंटिंग आपके घर में शक्ति, सकारात्मक ऊर्जा और आर्थिक उन्नति लेकर आती है। इसे घर की पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार पर लगाना शुभ माना जाता है। इससे परिवार में सौहार्द, प्रेम और वित्तीय संतुलन सुनिश्चित होता है
फिश पेंटिंग
वास्तु के अनुसार कोइ या सुनहरी मछलियों की पेंटिंग उत्तरी या ईशान कोण में रखना लाभदायक होता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, परिवार में प्रेम-समझ बढ़ती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है
इन आइटम्स को सही दिशा और स्थान पर रखें
सटीक दिशा का महत्व
मोर पंख मुख्य प्रवेश द्वार के पास, पूजा कमरे या उत्तर-पूर्व कोने में रखने से घर में शुभता बनी रहती है। सात घोड़ों की पेंटिंग पूर्व या उत्तर दिशा वाली दीवार पर लगाना शुभ होता है, विशेषकर लिविंग रूम में। फिश पेंटिंग उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या उत्तर दिशा में स्थापित करना धन-लाभ और सकारात्मक गति उत्पन्न करता है।
स्थापना का तरीका और देखभाल
इन सजावटी वस्तुओं को आंखों की ऊंचाई पर रखें। धूल-मिट्टी साफ रखें और समय-समय पर इन्हें ठीक से सिंचित करें पेंटिंग्स को धूप से बचाएं, मोर पंख को कोमल कपड़े से साफ करें। हमारे वास्तु विशेषज्ञ का सुझाव है कि इन वस्तुओं को किसी भी सुरक्षात्मक फ्रेम या स्टैंड पर स्थापित किया जाए ताकि ऊर्जा प्रवाह सही रहे और दीवारों को नुकसान न पहुँचे।





