प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में ग्रेप 4 लागू किया गया है। इसके हटाने के बाद भी राजस्थानी में नो पीयूसीसी नो फ्यूल अभियान जारी रहने वाला है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में मंगलवार को एक कैबिनेट बैठक हुई जिसमें यह निर्णय लिया गया। इस बारे में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वैध पीयूसीसी के बिना अपराध माना जाएगा।
मंत्री ने यह भी बताया कि जल्दी चार नए ऑटोमेटेड वाहन फिटनेस जांच केंद्र शुरू किए जाने वाले हैं। इसके अलावा ऊंची इमारतों में धुल नियंत्रित करने के लिए मिस्ट आधारित सिस्टम लगाने की अनुमति भी दी गई है।
रूट व्यवस्था बेहतर करने की कोशिश
पीयूसीसी जारी रहने के साथ सरकार ने बस सेवा का संचालन दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल ट्रांसिट सिस्टम से वापस लेने का फैसला कर लिया। 1 अप्रैल 2026 से नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। अभी बस सेवा संचालन के जिम्मेदारी डिम्ट्स और डीटीसी के हाथों में है। डिम्ट्स के तहत 2500 बसें संचालित की जाती है। सरकार के मुताबिक नए फैसले से सेवा बेहतर हो सकेगी। रूट भी बेहतर होगा और ड्राइवर कंडक्टर को स्थिरता मिल सकेगी।
12 पीयूसीसी निलंबित
दिल्ली सरकार द्वारा हाल ही में की है जांच में पीयूसीसी बनाने वाले 12 केंद्रों में गड़बड़ी मिली है। इसके चलते इन्हें निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा 800 से ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों पर भी कार्रवाई हुई है।





