अयोध्या के राम मंदिर परिसर में लगातार नए मंदिर बनते जा रहे हैं। मौजूदा वक्त में यहां कुल 18 मंदिर हो चुके हैं, जबकि सेवा में लगे पुजारियों की संख्या सिर्फ 20 है। ऐसे में अब जरूरत महसूस हो रही है ज्यादा प्रशिक्षित पुजारियों की। इसी को ध्यान में रखते हुए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पुजारी प्रशिक्षण योजना के तहत दूसरा बैच शुरू करने का फैसला लिया है। इसमें चयनित युवाओं को कई सुविधाएं दी जाएंगी।
राम मंदिर निर्माण के प्रभारी और विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त मंत्री गोपाल राव ने जानकारी दी है कि प्रशिक्षण के लिए आवेदन प्रक्रिया 26 जून से शुरू होगी। आवेदन ऑनलाइन ही किया जा सकेगा और अंतिम तिथि 30 जून तय की गई है। इस प्रशिक्षण योजना में वही युवा आवेदन कर सकते हैं जिन्हें कम से कम पांच साल का गुरुकुल शिक्षा का अनुभव हो। चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रशिक्षण अगले महीने से शुरू कर दिया जाएगा। इस योजना का मकसद राम मंदिर में पूजा-पाठ की व्यवस्था को बेहतर बनाना है ताकि भविष्य में भी trained पुजारियों की कोई कमी न हो।
आवास और भोजन की भी सुविधा
पुजारी प्रशिक्षण योजना में चयनित युवाओं को न सिर्फ धार्मिक शिक्षाएं दी जाएंगी बल्कि उन्हें छह महीने का आवासीय प्रशिक्षण भी मिलेगा। पहले बैच के प्रशिक्षुओं को हर महीने 2,000 रुपए छात्रवृत्ति दी गई थी, लेकिन इस बार इसे बढ़ाने की संभावना जताई गई है। ट्रेनिंग के बाद एक महीने का प्रैक्टिकल अभ्यास होगा जिसमें उन्हें राम दरबार, शेषावतार और अन्य मंदिरों में पूजा-अर्चना का मौका दिया जाएगा। इसके लिए भोजन और रहने की पूरी सुविधा तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से दी जाएगी। यह योजना सिर्फ रोजगार से जुड़ी नहीं है बल्कि मंदिर की धार्मिक गरिमा को बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
कितने पुजारी अभी कार्यरत हैं?
फिलहाल रामलला मंदिर समेत राम दरबार, शेषावतार, कुबेरेश्वर महादेव और अन्य मंदिरों को मिलाकर परिसर में कुल 18 मंदिर हो चुके हैं। इन मंदिरों में अब तक 20 पुजारी सेवा दे रहे हैं, जो मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले से ही कार्यरत हैं। लेकिन मंदिरों की संख्या में बढ़ोतरी के चलते मौजूदा पुजारियों पर अतिरिक्त काम का दबाव है। पांच जून को प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पूजा-पाठ का सिलसिला और अधिक नियमित हो गया है, ऐसे में नई भर्ती जरूरी हो गई है। रामलला के अलावा बाकी मंदिरों में भी सुबह, दोपहर और शाम पूजा के लिए पर्याप्त पुजारियों की व्यवस्था की जानी है।





