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Thu, Dec 18, 2025

‘प्रशासन गांव की ओर’ अभियान, CM धामी ने 45 दिन तक हर न्याय पंचायत में शिविर लगाने के दिए निर्देश, कहा “कोई पात्र लाभार्थी ना छुटे”

Written by:Ankita Chourdia
Published:
उत्तराखंड में 17 दिसंबर 2025 से 45 दिनों तक 'प्रशासन गांव की ओर' अभियान शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी न्याय पंचायतों में बहुद्देशीय शिविर आयोजित कर मौके पर ही जनसमस्याओं के समाधान के निर्देश दिए हैं।
‘प्रशासन गांव की ओर’ अभियान, CM धामी ने 45 दिन तक हर न्याय पंचायत में शिविर लगाने के दिए निर्देश, कहा “कोई पात्र लाभार्थी ना छुटे”

उत्तराखंड सरकार आमजन की समस्याओं के त्वरित समाधान और सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए एक व्यापक अभियान शुरू करने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि 17 दिसंबर से प्रदेश भर में 45 दिवसीय ‘प्रशासन गांव की ओर’ अभियान का संचालन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री आवास में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकता जन संतुष्टि है। उन्होंने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि इस अभियान को महज औपचारिकता न समझा जाए, बल्कि इसे एक जनआंदोलन का रूप दिया जाए।

हर न्याय पंचायत में लगेंगे बहुद्देशीय शिविर

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि 45 दिनों तक चलने वाले इस अभियान के तहत प्रदेश की सभी न्याय पंचायतों में चरणबद्ध तरीके से बहुद्देशीय शिविर लगाए जाएं। जिन न्याय पंचायतों का क्षेत्र बड़ा है, वहां आवश्यकतानुसार एक से अधिक शिविर आयोजित करने को कहा गया है। इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देना और पात्र लोगों को मौके पर ही लाभान्वित करना है।

“शिविरों में मौके पर ही जनसमस्याओं का तत्काल समाधान होना चाहिए। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं से कोई भी पात्र लाभार्थी वंचित न रहे।” — पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

DM और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य

जवाबदेही तय करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर सप्ताह आयोजित होने वाले किसी एक शिविर में जिलाधिकारी (DM) की उपस्थिति अनिवार्य होगी। वहीं, अन्य शिविरों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को मौजूद रहना होगा। संबंधित विभागों के नामित अधिकारी शिविरों में उपस्थित रहकर आवेदनों का निस्तारण करेंगे।

इसके अलावा, शिविरों के आयोजन से पहले व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश भी दिए गए हैं। न्याय पंचायत के निवासियों को शिविर की जानकारी कम से कम 3 से 4 दिन पहले मिल जानी चाहिए, ताकि वे अपनी समस्याओं और आवेदनों के साथ तैयार रह सकें।

घर-घर जाकर चिह्नित होंगे लाभार्थी

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि शिविर समाप्त होने के बाद भी उनका काम खत्म नहीं होगा। अधिकारी निकटवर्ती गांवों का भ्रमण करेंगे और घर-घर जाकर यह सत्यापित करेंगे कि कोई पात्र व्यक्ति छूट तो नहीं गया है। यदि कोई वंचित मिलता है, तो उसे मौके पर ही आवेदन भरवाकर योजना से जोड़ा जाएगा।

जनप्रतिनिधियों की भूमिका होगी अहम

इस अभियान में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी को भी मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि विधायक और संगठन के पदाधिकारी शिविरों में शत-प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराएं। जनप्रतिनिधि न केवल योजनाओं के प्रचार-प्रसार में मदद करेंगे, बल्कि प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर समस्याओं का समाधान भी करवाएंगे।

मॉनिटरिंग के लिए बनेगा सिस्टम

अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए इसकी निरंतर मॉनिटरिंग की जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रत्येक कार्यक्रम का विधिवत पंजीकरण हो और लाभार्थियों की संतुष्टि का विशेष ध्यान रखा जाए। कार्यक्रमों की साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय और सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी जाएगी।