अपराजिता का पौधा (Aparajita Plant) अपने नीले और सफेद फूलों से किसी भी बगीचे की शोभा बढ़ा देता है। यह न केवल देखने में सुंदर होता है, बल्कि आयुर्वेद में इसके फूलों का उपयोग दिमाग की शांति, इम्यूनिटी बढ़ाने और शरीर को डिटॉक्स करने में भी किया जाता है। यही कारण है कि लोग इसे अपने घरों में खासतौर पर लगाना पसंद करते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि पौधा तो हरा-भरा नजर आता है, पर उसमें फूल नहीं आते, जिससे निराशा हाथ लगती है।
अगर आपके साथ भी यही परेशानी हो रही है, तो चिंता की बात नहीं। आज हम आपको बताएंगे एक ऐसा देसी घोल, जो अपराजिता में फूल लाने के लिए किसी जादू से कम नहीं। बस इसे पौधे में नियमित रूप से डालते जाइए और कुछ ही हफ्तों में आपका गमला नीले-सफेद फूलों से खिल उठेगा। यकीन मानिए, आपके मोहल्ले वाले भी पूछ उठेंगे कि आपने ऐसा क्या खास किया।
कैसे करें अपराजिता में फूलों की बौछार?
1. क्यों नहीं आ रहे फूल?
- मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी
- सही धूप ना मिलना
- अधिक पानी देना या जड़ें सड़ जाना
- फूल आने वाले मौसम में पौधे की कटाई नहीं करना
अपराजिता एक बेलनुमा पौधा है जिसे अच्छे से चढ़ने का सहारा मिलना चाहिए। जब पौधे की ग्रोथ बाधित होती है, तो उसमें फूल आने बंद हो जाते हैं। इसीलिए, हमें पहले पौधे की ज़रूरतों को समझना ज़रूरी है।
2. देसी घोल का कमाल
सामग्री
- 1 लीटर पानी
- 1 चम्मच सरसों की खली (पिसी हुई)
- 1 चम्मच गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट
- आधा चम्मच नीम की खली
- 2-3 बूँदें नीम का तेल (फफूंद और कीड़े भगाने के लिए)
बनाने का तरीका
- इन सभी चीज़ों को एक बाल्टी में डालें और अच्छे से मिला लें।
- 24 घंटे तक इस घोल को ढंक कर रखें।
- अगले दिन छानकर इसका पानी अपराजिता के पौधे की जड़ों में डालें।
फायदा
- सरसों की खली फूल आने में मदद करती है।
- नीम की खली और तेल फंगल इंफेक्शन को रोकते हैं।
- गोबर की खाद पौधे को ज़रूरी पोषण देती है।
- इसे हर 10 से 15 दिन में एक बार इस्तेमाल करें। केवल 2-3 हफ़्तों में आप देखेंगे कि पौधे में कलियां आना शुरू हो गई हैं।
3. अपराजिता की सही देखभाल में छुपा है फूलों का राज
धूप और पानी
अपराजिता को रोज़ाना कम से कम 4-5 घंटे की सीधी धूप चाहिए। अगर आपके पौधे को भरपूर रोशनी नहीं मिल रही, तो फूल नहीं आएंगे। पानी सीमित दें ज़्यादा पानी देने से जड़ें गल सकती हैं।
कटाई और सहारा देना
मौसम बदलते ही पुराने और सूखे डंठलों की कटाई कर दें। इससे नए फूलों के लिए जगह बनती है। साथ ही, पौधे को सहारा दें ताकि वो बेल की तरह ऊपर चढ़ सके। इससे ग्रोथ तेज़ होगी।
गमले का चुनाव
कम से कम 10 इंच का गमला चुनें जिसमें ड्रेनेज हो। इससे पानी जमा नहीं होगा और पौधे की जड़ें स्वस्थ रहेंगी।
अपराजिता सिर्फ सुंदर नहीं, सेहत के लिए भी है वरदान
1. अपराजिता के फूलों के हेल्थ बेनिफिट्स
- मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाएं: अपराजिता का फूल दिमाग की नसों को शांत करता है और याददाश्त को तेज करता है।
- डायबिटीज में फायदेमंद: इसकी चाय ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद करती है।
- डिटॉक्स करने वाला एजेंट: यह शरीर से विषैले तत्वों को निकालने में मदद करता है।
2. अपराजिता की चाय
- अपराजिता फूलों से बनी चाय आजकल खूब पॉपुलर हो रही है। इसे बनाना भी आसान है:
- कुछ सूखे फूल लें, उन्हें गर्म पानी में डालें और 5 मिनट तक उबालें।
- चाहें तो शहद और नींबू डालें।
- यह चाय एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती है और इम्युनिटी बूस्ट करती है।
3. अपराजिता के धार्मिक और पारंपरिक महत्व
हिंदू धर्म में अपराजिता को माँ दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि और विजयदशमी के समय इसका विशेष महत्व होता है। इसे घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है और बुरी शक्तियाँ दूर रहती हैं।





