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Thu, Dec 18, 2025

आंधी-बारिश से उजड़ी केले की फसल, सर्वे के निर्देश, सीएम डॉ मोहन यादव बोले- चिंता ना करें सरकार आपके साथ

Written by:Atul Saxena
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इस घटना के बाद जिले के किसानों सरकार से मांग कर रहे हैं कि केले की फसल को भी फसल बीमा योजना में शामिल किया जाए, जिससे भविष्य में इस तरह के नुकसान की भरपाई हो सके।
आंधी-बारिश से उजड़ी केले की फसल, सर्वे के निर्देश, सीएम डॉ मोहन यादव बोले- चिंता ना करें सरकार आपके साथ

केला उत्पादन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मध्य प्रदेश के बुहानपुर जिले में आई तेज आंधी और बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया, खेतों में केले से लदे पेड़ उखड़ गए और जमीन पर बिछ गए, जिले के करीब 40 से अधिक किसानों की फसल नष्ट होने की बात सामने आ रही है, उधर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए सर्वे के निर्देश दिए हैं, उन्होंने केला उत्पादक किसानों से कहा है किसान बंधु चिंतित न हों, हमारी सरकार आपके साथ है।

बुरहानपुर जिले में शनिवार देर शाम अचानक शुरू हुई तेज बारिश और आंधी ने केले की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया, के रायगांव, नीमगांव, बख्यारी, खामनी, कोब्री आदि गांवों के 40 से अधिक किसान ऐसे हैं जिन्हें बहुत अधिक नुकसान हुआ है, किसान अपनी उजड़ी फसल देखकर खेतों में ही रोने लगे उनकी पूरी फसल बर्बाद हो गई।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दिए सर्वे के निर्देश 

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इसपर चिंता जताई है, उन्होंने X पर लिखा-  बुरहानपुर जिले के विभिन्न गांवों में आंधी-तूफान और तेज बारिश के कारण केले के फसल की क्षति को लेकर किसान बंधु चिंतित न हों, हमारी सरकार आपके साथ है। केला उत्पादन की दृष्टि से बुरहानपुर महत्वपूर्ण जिला है। इस संबंध में मैंने संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन को तुरंत प्रभावित गांवों में केले की फसल का सर्वे कर नुकसान का आकलन करने के निर्देश दे दिए हैं। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर किसान बंधुओं को उचित क्षति पूर्ति की सहायता राशि दी जाएगी। प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान में सदैव हमारी सरकार अन्नदाताओं के साथ खड़ी है।

जिला प्रशासन ने सर्वे दल गठित किये 

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कलेक्टर हर्ष सिंह ने तहसीलदारों, पटवारियों  को मैदान में उतार दिया है। प्रशासन ने सर्वे दल का गठन किया है जो नुकसान का आकलन करेगा, इस दल में उद्यानिकी और कृषि विभाग के अधिकारी भी शामिल किये गए हैं जिससे सही नुकसान का पता चल सके, नुकसान के बाद से किसान परेशान है उसे ये चिंता है कि कब सर्वे पूरा होगा, सही मुआवजा मिलेगा कि नहीं।