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Sat, Dec 20, 2025

नारायण मूर्ति का बड़ा खुलासा! ChatGPT की मदद से करते हैं स्पीच ड्राफ्ट, बोले- ‘AI नौकरियां छीनने वाला नहीं, बचाने वाला है’

Written by:Rishabh Namdev
Published:
AI और ChatGPT को लेकर नारायण मूर्ति ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बताया कि कैसे इस टेक्नोलॉजी ने उनका वक्त बचाया और उनकी प्रोडक्टिविटी को 5 गुना बढ़ा दिया है। साथ ही, उन्होंने AI को लेकर नौकरी छिनने के डर को बेबुनियाद बताया और इसे एक नया अवसर करार दिया है।
नारायण मूर्ति का बड़ा खुलासा! ChatGPT की मदद से करते हैं स्पीच ड्राफ्ट, बोले- ‘AI नौकरियां छीनने वाला नहीं, बचाने वाला है’

इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने AI और ChatGPT को लेकर एक उम्मीद भरा नजरिया पेश किया है। उन्होंने बताया कि वह खुद ChatGPT का इस्तेमाल करते हैं और इसकी मदद से उन्होंने अपनी स्पीच तैयार करने का तरीका पूरी तरह बदल लिया है। पहले जहां एक लेक्चर तैयार करने में 25 से 30 घंटे लगते थे, वहीं अब वो इसे महज 5 घंटे में निपटा लेते हैं। मूर्ति का मानना है कि AI इंसानों की जगह नहीं लेगा, बल्कि उनकी काबिलियत बढ़ाएगा।

दरअसल नारायण मूर्ति ने बताया कि ChatGPT ने उनकी वर्किंग स्टाइल में बड़ा बदलाव किया है। खासकर स्पीच और लेक्चर तैयार करने के मामले में ये टूल उनके लिए बेहद कारगर साबित हुआ। उन्होंने कहा, “पहले एक भाषण को तैयार करने में मुझे लगभग 25 से 30 घंटे लगते थे। लेकिन अब ChatGPT की मदद से मैं 5 घंटे में बेहतर ड्राफ्ट तैयार कर सकता हूं। इससे मेरी पर्सनल प्रोडक्टिविटी 5 गुना तक बढ़ गई है।”

AI और नौकरी को लेकर क्या बोले नारायण मूर्ति?

वहीं नारायण मूर्ति ने बताया कि ChatGPT से उन्हें सिर्फ कंटेंट नहीं मिलता, बल्कि यह टूल सही सवाल पूछने में मदद करता है। यही वजह है कि उन्होंने इसे सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि “बुद्धिमत्ता का विस्तार” कहा है। दरअसल उनका मानना है कि AI टूल्स इंसानों की सोच को तेज और लक्ष्य स्पष्ट करने में मदद करेंगे। जब दुनियाभर में AI से नौकरियां जाने का डर फैला हुआ है, तब मूर्ति ने इसके उलट राय रखी है। उन्होंने साफ कहा कि “AI नौकरियां नहीं छीनता, बल्कि नई तरह की नौकरियां बनाता है।” उन्होंने 1970 के दशक का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे उस दौर में कंप्यूटर आने पर बैंकिंग सेक्टर में हड़तालें हुई थीं, लेकिन बाद में टेक्नोलॉजी ने रोजगार 40-50 गुना बढ़ा दिया।

AI को लेकर इंडस्ट्री में क्या हैं संभावनाएं?

दरअसल नारायण मूर्ति के अनुसार, भविष्य में AI की मदद से प्रोग्रामर और ऐनालिस्ट ज्यादा जटिल समस्याएं हल कर पाएंगे। इसके लिए उन्हें ज्यादा समझदारी, स्पष्टता और नई सोच की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि AI को एक सहायक टूल की तरह देखा जाना चाहिए, न कि इंसानी दिमाग की जगह लेने वाला सिस्टम। नारायण मूर्ति ने जोर दिया कि AI को अगर स्ट्रैटेजिकली अपनाया जाए, तो यह पूरी इंडस्ट्री की विकास दर को कई गुना तक बढ़ा सकता है। उनका मानना है कि ChatGPT और जैसे AI टूल्स प्रोग्रामिंग के समान फ्रेमवर्क्स को ऑटोमेट करने में सक्षम हैं, जिससे ज्यादा क्वॉलिटी वाले कोड तैयार होंगे और डेवलपमेंट का वक्त बचेगा। दरअसल उन्होंने यह भी बताया कि 1970 के दशक में ब्रिटेन में कंप्यूटर आने पर यूनियनों में डर था, लेकिन जल्द ही यह समझ आ गया कि टेक्नोलॉजी से कर्मचारियों की जिंदगी आसान होगी। ठीक ऐसा ही AI के साथ होगा यह इंसानों के काम को खत्म नहीं करेगा, बल्कि उसे बेहतर बनाएगा।