सीयूईटी यूजी रिजल्ट का इंतजार जल्द खत्म हो सकता है। इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय ने अंडर ग्रेजुएट (UG) पाठ्यक्रमों के लिए एडमिशन पोर्टल खोल दिया है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। जो भी उम्मीदवार डीयू में पढ़ने की इच्छा रखते हैं वे आवेदन कर सकते हैं। प्रवेश प्रक्रिया से संबंधित कई नियमों में बदलाव किया गया है। जिसकी जानकारी छात्रों को होनी चाहिए। इस साल छात्रों को 79 यूजी प्रोग्राम डीयू ऑफर कर रहा है। 79 कॉलेजों में दाखिला होगा। 71,624 सीट खाली हैं।
डीयू छात्रों की मेरिट सूची बनाने के लिए 12वीं के 5 में 4 विषयों के अंक का इस्तेमाल करता था। इसमें एक भाषा और तीन अकादेमिक विषय शामिल होते थे। अब नए नियमों के तहत अब स्टूडेंट्स सीयूईटी में मेरिट बनाने के लिए दो भाषा विषयों और 2 अकादेमिक सब्जेक्ट को चुन सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें पुरानी व्यवस्था को अभी भी लागू रहेगी। मतलब अब स्टूडेंट हिन्दी और इंग्लिश दोनों लैंग्वेज के अंक को मेरिट लिस्ट के लिए चुन पाएंगे। हालांकि पुरानी व्यवस्था चुनने की सुविधा भी मिलेगी।
बीएससी ऑनर्स में एडमिशन के नए नियम (DU Admission Rules)
बैच्लर ऑफ साइंस (ऑनर्स) के लिए दाखिल नियमों को भी डीयू ने बदला है। सीयूईटी यूजी के लिए भाषा विषय में 30% अंक की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। इससे पहले डीयू में बीएससी ऑनर्स एडमिशन के लिए जिस भाषा में सीयूईटी यूजी दिया जाता था, उसमें 30% मार्क्स लाना अनिवार्य होता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
टाईब्रेकिंग के नियम भी बदले
छात्रों के अंक बराबर होने पर दिल्ली विश्वविद्यालय दाखिले के लिए 12वीं के अंक का इस्तेमाल करता है। टाईब्रेकिंग नियमों में भी बदलाव देखने को मिलेगा। अब दसवीं के अंकों को उपयोग अतिरिक्त टाईब्रेकर के रूप में किया जाएगा। मतलब यदि दो छात्रों को 12वीं और सीयूईटी में समान अंक मिलते हैं, तो ऐसी स्थति में उस स्टूडेंट को वरीयता दी जाएगी जिसने 10वीं में अधिक अंक प्राप्त किए हैं।
इन बदलावों को भी जान लें
- डीयू ने “डायरेक्ट एक्सेप्ट” मोड की शुरूआत की है। इससे छात्रों तुरंत अपग्रेड किए गए सीटों की पुष्टि कर पाएंगे। उन्हें इंतजार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- इस बार सीएसएएस पोर्टल को भी अपडेट किया गया है। ऑटो-इन्टीग्रेट सीयूईटी यूजी 2025 विवरण उपलब्ध होगा। ताकि आवेदन प्रक्रिया आसान हो।
- डैशबोर्ड पर वही कोर्स और कॉलेज नजर आएंगे, जिसके लिए छात्र योग्य हैं। कट-ऑफ भी देखने को मिलेगा।
- पोर्टल को मोबाइल-फ़्रेंडली बनाया गया है। जरूरी अलर्ट भी छात्रों को ईमेल पर भेजे जाएंगे। पेंडिंग स्टेटस के बारे में भी बार-बार अलर्ट मिलेगा।
- गलती से बचने के लिए चेक सिस्टम को शामिल किया गया है।





