ग्वालियर चंबल अंचल में बंदूक को कंधे पर टांगना और पिस्टल/रिवॉल्वर को कमर पर लगाना शान समझा जाता है लोग इसे बनवाने के लिए सिफारिशें तक लगवाते हैं अब जबकि लाइसेंस बनाने पर भोपाल से सख्ती की गई है तो दलाल सक्रिय हो गए हैं, ग्वालियर में तीन ऐसे लाइसेंस सामने आये हैं जो संदिग्ध हैं और फर्जी दिखाई दे रहे हैं, लाइसेंस सामने आने के बाद अब कलेक्टर रुचिका चौहान ने मामले की जाँच के आदेश दिए हैं, उन्होंने कहा कहा एक्शन लिया जायेगा।
दसअसल गृह मंत्रालय ने पिस्टल और रिवॉल्वर के लाइसेंस जारी करने पर सख्ती की हुई है, इस सख्ती को देखते हुए जिला कलेक्टर भी बंदूकों के लाइसेंस जारी नहीं कर रहे, लेकिन हथियारों की चाह रखने वालों के नाम ग्वालियर में पिस्टल के तीन लाइसेंस जारी हो गए, लाइसेंस जारी होने की खबर बाहर आने के बाद जिले में हडकंप मचा हुआ है।
इन तीन नामों पर जारी हुए पिस्टल के लाइसेंस
लाइसेंस जारी करने के पीछे किसी बड़े गिरोह के सक्रिय होने की बात कही जा रही है, लाइसेंस जिनके नाम जारी हुए वो तीनों व्यक्ति ग्वालियर के रहने वाले हैं उनके नाम एंदल सिंह निवासी ग्राम गिरगांव, अमित सिंह राजावत निवासी पिंटो पार्क रामनिवास सिंह निवासी दिन दयाल नगर है।
लाइसेंस बुक में कलेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर, सील
खास बात ये है कि इन सभी लाइसेंस को हाथ से लिखकर बनाया गया है यानि लाइसेंस बुक में सभी एंट्री हाथ से की गई जबकि , जबकि एंट्री कंप्यूटर से होती है, लाइसेंस बनाने वाले ने ग्वालियर कलेक्टर के हु बहू दस्तखत कर दिए, सील बनाकर लगा दी यानि सबकुछ नकली और फर्जी, खास बात ये है कि लाइसेंस संख्या भी 2500 और 2700 से अधिक लिखी है यानि ग्वालियर में इतने पिस्टल रिवॉल्वर के लाइसेंस जारी किये जा चुके हैं।
कलेक्टर बोलीं होगा सख्त एक्शन
उधर जब इस मामले में एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है इसकी जाँच के आदेश मैंने दिए हैं, उन्होंने कहा सभी बिन्दुओं पर बारीकी से जाँच की जाएगी और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, उन्होंने कहा कि लाइसेंस जारी करने में नियमों का ध्यान रखा जाता है उसी हिसाब से जारी होते हैं, इस मामले में जाँच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
ग्वालियर से भोपाल तक गिरोह सक्रिय होने की आशंका
बहरहाल पिस्टल के फर्जी लाइसेंस का बनना साफ़ दर्शाता है कि इस पूरी प्रक्रिया में ग्वालियर से लेकर भोपाल तक कोई गिरोह सक्रिय है जो लाइसेंस की चाह रखने वालों की तलाश में तहत है और फिर उनसे मोटी रकम लेकर उन्हें लाइसेंस थमा देता है, अब देखना होगा कि ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान इस मामले में क्या एक्शन लेती हैं।






