MP Breaking News
Thu, Dec 18, 2025

सरकारी अस्पताल में 2 नर्सों ने ड्यूटी के दौरान पी शराब, मच गया हंगामा

Written by:Neha Sharma
Published:
हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के क्षेत्रीय अस्पताल में दो महिला स्टाफ नर्सों के ड्यूटी के दौरान शराब पीने का मामला तूल पकड़ गया है। घटना 5 अगस्त, मंगलवार रात की है।
सरकारी अस्पताल में 2 नर्सों ने ड्यूटी के दौरान पी शराब, मच गया हंगामा

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के क्षेत्रीय अस्पताल में दो महिला स्टाफ नर्सों के ड्यूटी के दौरान शराब पीने का मामला तूल पकड़ गया है। घटना 5 अगस्त, मंगलवार रात की है, जब मेडिकल और सर्जिकल वार्ड में तैनात दोनों नर्सों ने अस्पताल परिसर में ही शराब का सेवन किया। नशे की हालत में उनकी तबीयत बिगड़ गई और एक नर्स को उल्टियां होने लगीं। अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं और विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेज दी है। आरोप है कि इनमें से एक नर्स को डेपुटेशन पर यहां भेजा गया था, लेकिन घटना के बाद उनकी डेपुटेशन रद्द कर दी गई और उन्हें मूल स्थान पर वापस भेज दिया गया।

2 नर्सों ने ड्यूटी के दौरान पी शराब

जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि यह पहली बार नहीं था जब इन नर्सों ने ड्यूटी के दौरान शराब पी थी। 4 अगस्त की रात को भी दोनों ने अस्पताल में शराब और धूम्रपान किया था। इस दौरान उन्होंने एक पुरुष को भी बुलाया था और मरीजों की देखरेख का काम ट्रेनी स्टूडेंट्स के हवाले कर दिया था। ट्रेनी स्टूडेंट्स की शिकायत पर ही स्वास्थ्य विभाग ने इस पूरे मामले में कार्रवाई शुरू की है।

ट्रेनी स्टूडेंट्स के मुताबिक, दोनों नर्सें रात 10 बजे से लेकर लगभग 2 बजे तक अस्पताल के अंदर शराब पीती रहीं। मंगलवार रात को स्थिति तब और गंभीर हो गई जब एक नर्स नशे की हालत में अस्पताल परिसर में ही उल्टियां करने लगी। इससे मरीजों और अन्य स्टाफ में हड़कंप मच गया। अस्पताल प्रशासन ने तुरंत मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी तथ्यों को इकट्ठा किया और रिपोर्ट तैयार कर दी।

क्षेत्रीय अस्पताल ऊना के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. संजय मनकोटिया ने पुष्टि की कि मामले की जांच जारी है और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों की देखभाल सर्वोच्च प्राथमिकता है और ड्यूटी के दौरान इस तरह का व्यवहार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह घटना न केवल अस्पताल की छवि को धूमिल करती है, बल्कि मरीजों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करती है।