रविवार देर रात जब ज्यादातर लोग गहरी नींद में थे, तब इंदौर-ऐदलाबाद नेशनल हाईवे पर मोरटक्का (Mortakka) नर्मदा पुल अचानक चीख-पुकार और अफरा-तफरी से भर गया। एक बेकाबू हाईवा ने पहले एक कार को टक्कर मारी और वह कार रेलिंग तोड़ते हुए करीब 50 फीट नीचे नर्मदा नदी में जा गिरी। कुछ ही पलों में पुल पर ट्रैफिक थम गया और लोगों की सांसें अटक गईं।
यह हादसा सिर्फ एक सड़क दुर्घटना नहीं था, बल्कि उन सवालों को फिर से सामने ले आया, जो लंबे समय से मोरटक्का नर्मदा पुल और भारी वाहनों की आवाजाही को लेकर उठते रहे हैं। हादसे के बाद पुलिस, प्रशासन और स्थानीय नाविकों की मशक्कत से हालात संभाले गए।
मोरटक्का नर्मदा पुल हादसा क्या हुआ उस रात?
मिली जानकारी के अनुसार, रविवार रात करीब एक बजे राखड़ भरकर जा रहा एक हाईवा इंदौर से खंडवा की ओर बढ़ रहा था। इसी दौरान हाईवा अचानक बेकाबू हो गया। सामने से आ रही 25 वर्षीय संजय दंगोड़े निवासी मोहन अटूट की कार को हाईवा चालक ने जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार उछलते हुए पुल की रेलिंग तोड़कर सीधे नर्मदा नदी में जा गिरी। चंद सेकेंड में कार नदी की गहराई में समा गई। पुल पर मौजूद लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही हादसा हो चुका था।
नर्मदा नदी में गिरी कार, मछुआरों ने बचाई जान
हादसे के वक्त नर्मदा नदी में मछली पकड़ रहे स्थानीय मछुआरों की सतर्कता ने एक बड़ी अनहोनी को टाल दिया। कार नदी में गिरते ही उन्होंने बिना समय गंवाए रेस्क्यू शुरू किया और कार चालक संजय को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर कुछ मिनट की भी देरी हो जाती, तो हालात बेहद गंभीर हो सकते थे। अंधेरे और तेज बहाव के बीच रेस्क्यू करना आसान नहीं था, लेकिन मछुआरों की हिम्मत और अनुभव काम आया।
दूसरी कार भी चपेट में, तीन लोग घायल
इस हादसे में एक और कार भी हाईवा की चपेट में आ गई। पीछे से आ रही छनेरा के फिलगुड चौराहा निवासी 25 वर्षीय सचिन की कार हाईवा से टकरा गई। इस टक्कर में कार सवार तीन लोग घायल हो गए। घायलों को तत्काल एंबुलेंस की मदद से नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। डॉक्टरों के मुताबिक, सभी घायल खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं, लेकिन मानसिक आघात गहरा है।
बेकाबू हाईवा पुल की रेलिंग तोड़ आधा लटका
हादसे के बाद हाईवा खुद भी संतुलन खो बैठा। तेज रफ्तार और टक्कर के बाद हाईवा पुल की रेलिंग तोड़ते हुए आधा पुल से नीचे लटक गया। यह दृश्य इतना डरावना था कि पुल पर मौजूद लोगों की रूह कांप गई। हाईवा के आधा लटकने से इंदौर–ऐदलाबाद नेशनल हाईवे पर दोनों ओर लंबा जाम लग गया। सैकड़ों वाहन फंस गए और यात्री घंटों तक पुल पर इंतजार करते रहे।
पुलिस और नाविकों का रेस्क्यू ऑपरेशन
घटना की सूचना मिलते ही मोरटक्का चौकी पुलिस मौके पर पहुंची। बड़वाह पुलिस और स्थानीय नाविकों की मदद से देर रात रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। पहले नर्मदा नदी में गिरी कार को बाहर निकाला गया, फिर क्षतिग्रस्त वाहनों को सड़क से हटाया गया। हाईवा को हटाने में सबसे ज्यादा समय लगा, क्योंकि वह पुल से आधा लटका हुआ था। कड़ी मशक्कत के बाद सोमवार तड़के जाकर यातायात बहाल हो सका।
हाईवा चालक को झपकी?
प्रारंभिक जांच में हादसे की वजह हाईवा चालक को झपकी आना बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि चालक लगातार लंबी दूरी से वाहन चला रहा था और थकान के कारण उसने नियंत्रण खो दिया। मोरटक्का चौकी प्रभारी लखन डावर ने बताया कि हाईवा चालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और यह भी देखा जा रहा है कि वाहन नियमों के अनुसार पुल से गुजर रहा था या नहीं।
नर्मदा पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही
यह हादसा एक बार फिर नर्मदा पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही को लेकर सवाल खड़े करता है। उल्लेखनीय है कि संभाग आयुक्त द्वारा नर्मदा पुल से भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है। हालांकि, हाईवे निर्माण के लिए राखड़ और अन्य सामग्री ले जाने वाले वाहनों को विशेष छूट दी गई है। इसी छूट का फायदा उठाकर भारी वाहन लगातार पुल से गुजर रहे हैं, जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं।
कब रुकेगा हादसों का सिलसिला?
मोरटक्का और आसपास के ग्रामीणों में इस हादसे को लेकर भारी नाराजगी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन को चेताया है कि भारी वाहनों की आवाजाही से पुल और लोगों दोनों की जान खतरे में है। ग्रामीणों का आरोप है कि नियम कागजों तक सीमित हैं। रात के समय भारी वाहन तेज रफ्तार में पुल पार करते हैं और निगरानी न के बराबर होती है।





