आजकल सोशल मीडिया और रिश्तेदारों (Relationship) की चमक-दमक देखकर लोगों में एक अजीब सी होड़ लग गई है किसने कौन सी कार ली, किसने कहां मकान खरीदा। ऐसे में कई लोग सोचते हैं कि अगर वो पीछे रह गए तो लोग क्या कहेंगे। यही सोच उन्हें बिना ज़रूरत और बिना प्लानिंग के बड़ी खरीदारी करने के लिए मजबूर कर देती है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा करना आपके बजट, मानसिक शांति और भविष्य की प्लानिंग को कैसे बर्बाद कर सकता है? सिर्फ दिखावे के लिए कार और घर खरीदना न केवल आपके खर्च बढ़ाता है, बल्कि आपको कर्ज़ के जाल में भी फंसा सकता है। इस लेख में जानते हैं कि रिश्तेदारों की नकल करना क्यों बन सकता है आर्थिक संकट की जड़।
बिना फाइनेंशियल प्लानिंग के रिश्तेदारों की नकल क्यों है खतरनाक
1. हर किसी की आमदनी और ज़रूरतें होती हैं अलग
आपके रिश्तेदार की सालाना आय शायद आपकी तुलना में कहीं अधिक हो, या उन्होंने पहले से कुछ बड़ी सेविंग्स कर रखी हों। ऐसे में अगर आप उनकी नकल करते हुए कार या मकान खरीद लेते हैं, तो हो सकता है कि आपकी EMI हर महीने आपकी जेब पर भारी पड़ने लगे। हर किसी की फाइनेंशियल स्थिति अलग होती है। किसी की नकल करने से पहले जरूरी है कि आप अपनी इनकम, सेविंग्स और फ्यूचर गोल्स का सही आकलन करें।
2. कर्ज़ के बोझ से बिगड़ सकती है मानसिक शांति
बिना सोच-समझे लोन लेकर कार या मकान खरीदने वाले लोगों को शुरुआत में तो खुशी मिलती है, लेकिन जब EMI की किस्तें शुरू होती हैं, तब असलियत समझ आती है। लोन का बोझ केवल आर्थिक नहीं होता, बल्कि मानसिक भी होता है।
हर महीने कटती सैलरी, बच्चों की पढ़ाई, मेडिकल खर्च और बाकी ज़िम्मेदारियां मिलकर मानसिक तनाव का कारण बन सकती हैं। एक स्टेटस दिखाने के चक्कर में अगर मानसिक शांति चली जाए, तो वह सौदा नुकसानदेह ही कहलाएगा।
3. दिखावे की जिंदगी बना सकती है फाइनेंशियल प्लानिंग को कमजोर
जब आप अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा केवल स्टेटस मेंटेन करने में खर्च करने लगते हैं, तो आपकी लॉन्ग टर्म वित्तीय योजना जैसे रिटायरमेंट प्लानिंग, बच्चों की पढ़ाई या इमरजेंसी फंड पीछे छूटने लगते हैं। और जब कोई असली ज़रूरत सामने आती है, तब जेब खाली होती है।
इस तरह की जीवनशैली केवल आज की सोच होती है, कल की नहीं। इसलिए ज़रूरी है कि आप अपनी जरूरत, बजट और भविष्य की योजनाओं को ध्यान में रखकर ही कोई बड़ा फैसला लें।





