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Thu, Dec 18, 2025

सिर्फ 10 रुपये के नंबर से बना डाले 500 के नकली नोट, उज्जैन में ड्रग्स गेम पकड़ा गया

Written by:Bhawna Choubey
Published:
उज्जैन-इंदौर में नकली नोटों का ऐसा खेल चला कि पुलिस भी हैरान रह गई। 10 रुपये के असली नंबर कॉपी कर 500 के फर्जी नोट छापे गए और इनसे करोड़ों के ड्रग्स खरीदने की तैयारी थी। पुलिस ने बड़ी साजिश पकड़ ली।
सिर्फ 10 रुपये के नंबर से बना डाले 500 के नकली नोट, उज्जैन में ड्रग्स गेम पकड़ा गया

उज्जैन (Ujjain) की शांत दिखने वाली रात उस समय सनसनी में बदल गई जब पुलिस ने पांड्याखेड़ी ब्रिज के नीचे से लाखों रुपये के नकली नोटों (Fake Notes) के साथ दो युवकों को पकड़ लिया। देखने में ये नोट बिल्कुल असली जैसे लग रहे थे, लेकिन जांच ने जो राज खोला उसने पुलिस से लेकर शहर तक सभी को चौंका दिया।

ये कोई छोटा-मोटा फर्जीवाड़ा नहीं, बल्कि उज्जैन और इंदौर में फैला नकली नोटों का बड़ा रैकेट था, जो न सिर्फ बाजार में फर्जी नोट घुमाने की तैयारी में था बल्कि इन नोटों के सहारे करोड़ों के ड्रग्स खरीदने की योजना भी बना चुका था। पुलिस जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ा रही है, कहानी और भी खतरनाक रूप लेती जा रही है।

उज्जैन-इंदौर नकली नोट रैकेट का पर्दाफाश

चिमनगंज पुलिस की टीम को कुछ दिनों से खबर मिल रही थी कि शहर में नकली नोटों की छोटी-छोटी खेप घूम रही है। पहले किसी दुकान पर, फिर पेट्रोल पंप पर, फिर सब्ज़ी मंडी में अलग-अलग जगहों से एक जैसे नंबर वाले 500 के नोट मिलने लगे। इन नोटों की काग़ज़ क्वालिटी थोड़ी अलग थी, लेकिन देखने में बेहद असली लगते थे।

इसके बाद पुलिस ने अपने मुखबिर नेटवर्क को एक्टिव किया और पांड्याखेड़ी क्षेत्र पर विशेष नज़र रखी। शुक्रवार की देर रात मुखबिर ने सूचना दी कि दो युवक बड़ी मात्रा में नकली नोट लेकर किसी डील के लिए आए हैं। पुलिस ने बिना देर किए दबिश दी और हिमांशु उर्फ चीनू और दीपेश को रंगे हाथों पकड़ लिया। उनके बैग से निकले 500-500 के नकली नोटों की कुल कीमत साढ़े 17 लाख रुपये थी। नोट इतने साफ छपे थे कि किसी भी आम आदमी को आसानी से असली लग सकते थे।

कैसे छापे जाते थे नकली नोट

जांच में पूरा गिरोह खुलने लगा, दोनों आरोपितों ने स्वीकार किया कि वे इंदौर में श्री गंगा विहार कॉलोनी के एक फ्लैट में नकली नोट छापते थे। यह फ्लैट उनका साथी राजेश बरबटे चलाता था, जो फिलहाल फरार है। पुलिस जब उस फ्लैट पर पहुंची तो अंदर का माहौल किसी मिनी प्रिंटिंग प्रेस जैसा था सामने प्रिंटिंग मशीन, हाई सिक्योरिटी पेपर, स्पेशल इंक और कैमिकल सुरक्षा धागा, अधूरे तैयार नकली नोटों की ढेरों शीटें, सब बरामद किए गए। सबसे चौंकाने वाली बात सामने आई वे 10 रुपये के असली नोटों के नंबर को स्कैन कर 500 रुपये के नकली नोटों पर प्रिंट करते थे। इससे नोट पहली नज़र में बिल्कुल “असली सीरीज़” के लगते थे और किसी को शक नहीं होता था। अब पुलिस इन नंबरों की पुष्टि के लिए देवास बैंक नोट प्रेस से भी जानकारी जुटा रही है।