इंदौर के लोग लंबे समय से मेट्रो में सफर करने का इंतजार कर रहे थे और अब यह सपना साकार होने जा रहा है। 20 मई से शहर में मेट्रो का कमर्शियल रन शुरू हो जाएगा। शुरुआती चरण में सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर के 5.9 किलोमीटर हिस्से में पांच स्टेशनों के बीच मेट्रो चलेगी। यह मेट्रो सिस्टम शहर के लोक परिवहन के नए युग की शुरुआत मानी जा रही है। शुरुआत में हर आधे घंटे में एक मेट्रो चलाई जाएगी, जिससे सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक यात्री सफर कर सकेंगे।
शुरुआत में मेट्रो सिर्फ 5.9 किलोमीटर के हिस्से में चलेगी, जिसमें रेडिसन, सुपर कॉरिडोर और गांधी नगर जैसे स्टेशन शामिल हैं। इस रूट पर कुल 5 स्टेशन तैयार किए गए हैं। 20 से 27 मई तक यात्रियों को फ्री में सफर करने का मौका मिलेगा। इसके बाद 28 मई से 3 जून तक किराए में 75% की छूट दी जाएगी, 4 से 10 जून तक 50% और 11 जून से सितंबर तक 25% की छूट जारी रहेगी। मेट्रो का बेसिक किराया 30 रुपये रखा गया है और टिकट की सुविधा स्मार्ट कार्ड, मोबाइल ऐप और बार कोड स्कैनर के जरिए दी जा रही है।
Indore Metro स्टेशन कनेक्टिविटी और सुविधा
मेट्रो के कमर्शियल रन से पहले सिटी बसों के जरिए मेट्रो स्टेशनों को शहर के मुख्य इलाकों से जोड़ा जा रहा है। रेडिसन चौक, विजयनगर, बड़ा गणपति और कालानी नगर से सिटी बसें तय समय पर चलेंगी, जो यात्रियों को सीधे मेट्रो स्टेशनों तक पहुंचाएंगी। इससे यात्रियों को मेट्रो तक पहुंचने में परेशानी नहीं होगी। मेट्रो स्टेशनों पर ऑटोमैटिक टिकटिंग मशीन, एस्केलेटर, सीसीटीवी निगरानी और वेटिंग एरिया जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। मेट्रो प्रबंधन की योजना है कि आने वाले समय में अन्य रूटों पर भी मेट्रो का विस्तार किया जाएगा। फिलहाल यात्री अनुभव और रेस्पॉन्स को देखते हुए चरणबद्ध तरीके से अगली योजनाएं तैयार की जाएंगी।
पहले दिन भीड़, फिर यात्री मिलना चुनौती
शुरुआती हफ्ते में मेट्रो को लेकर शहरवासियों में खासा उत्साह रहेगा, खासकर जब फ्री सफर की सुविधा मिल रही है। लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि 5.9 किलोमीटर का यह छोटा रूट लंबे समय तक यात्रियों को आकर्षित नहीं कर पाएगा। खासकर जब तक इसका विस्तार बड़े इलाकों जैसे एमजी रोड, राजवाड़ा, बंगाली चौराहा और पलासिया तक नहीं होगा, तब तक मेट्रो की व्यावसायिक उपयोगिता सीमित रहेगी। हालांकि, यह मेट्रो मध्य प्रदेश के लिए एक नई शुरुआत है और भविष्य की योजनाएं इसे और अधिक उपयोगी बना सकती हैं। सरकार और मेट्रो प्रबंधन की नजर यात्रियों की प्रतिक्रिया और डेली फूटफॉल पर होगी, ताकि जल्द ही अन्य फेज में काम तेज किया जा सके।





