नई दिल्ली। कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की अहम बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार की नीतियों, विशेषकर रोजगार गारंटी योजना और संवैधानिक संस्थाओं की स्थिति पर कड़ा प्रहार किया है। खड़गे ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि देश इस समय ऐसे दौर से गुजर रहा है, जहां नागरिक अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। उन्होंने पार्टी नेताओं को निर्देश दिया कि वे जनहित के मुद्दों पर एक राष्ट्रव्यापी जन-आंदोलन की रूपरेखा तैयार करें।
खड़गे ने अपने संबोधन में हालिया शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार द्वारा MNREGA को लेकर लिए गए फैसलों को गरीबों के हितों के खिलाफ बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह निर्णय बिना किसी अध्ययन, मूल्यांकन या राज्यों से परामर्श किए लिया गया है, जिससे करोड़ों कमजोर वर्ग के लोग असुरक्षित हो गए हैं।
MNREGA और संवैधानिक अधिकारों पर चिंता
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि MNREGA महज एक सरकारी योजना नहीं थी, बल्कि यह संविधान के नीति निर्देशक तत्वों के तहत ‘काम के अधिकार’ को जमीन पर उतारने का एक सशक्त माध्यम था। उन्होंने UPA सरकार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय Right to Work, Right to Food और Right to Education जैसे कानूनों के जरिए आम आदमी को ताकत दी गई थी। खड़गे ने सोनिया गांधी के लेख का हवाला देते हुए कहा कि इस योजना को समाप्त या कमजोर करना एक सामूहिक नैतिक विफलता है।
उन्होंने याद दिलाया कि आंध्र प्रदेश के बंडलापल्ली से शुरू हुई इस योजना ने ग्रामीण भारत में पलायन रोकने और अकाल की स्थिति से निपटने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। आज एक पूरी पीढ़ी ऐसी है जो MNREGA के कारण ही शिक्षा और सम्मानजनक जीवन तक पहुंच पाई है।
संगठन और चुनावी रोडमैप
बैठक में संगठनात्मक मजबूती पर भी विस्तार से चर्चा हुई। खड़गे ने जानकारी दी कि ‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत देश के लगभग 500 जिलों में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि अगले 120 दिनों के भीतर शेष जिलों में भी यह प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी। खड़गे ने संगठन को बूथ स्तर तक ‘लड़ाकू और जवाबदेह’ बनाने पर जोर दिया।
आगामी चुनावों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि अप्रैल-मई 2026 में असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए पार्टी पूरी एकजुटता के साथ तैयारी कर रही है।
वोटर लिस्ट और एजेंसियों पर सवाल
खड़गे ने मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन यानी Special Intensive Revision (SIR) को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को सतर्क रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना पार्टी की जिम्मेदारी है कि गरीब, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक वर्गों के नाम मतदाता सूची से न हटाए जाएं। इसके अलावा, उन्होंने ED, IT और CBI जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और नेशनल हेराल्ड मामले में जारी न्यायिक लड़ाई का भी जिक्र किया। बैठक में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों और देश के भीतर सांप्रदायिक सौहार्द की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की गई।
• अप्रैल-मई 2026 में असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरलऔर पुडुचेरी में चुनाव होने हैं। हमारी तैयारियां जारी है।
• हम संगठित हो कर, पूरी एकता से चुनाव लड़ेंगे और लोकतंत्र को ताकतवर बनाएंगे।
• साथियों, आज SIR एक गंभीर चिंता का विषय है। यहलोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित करने की… pic.twitter.com/D4O3p5BArG
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 27, 2025





