दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे राजधानी में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने तुरंत असरदार कदम उठाते हुए स्थिति का जायजा लिया और राहत रक्षक इंतजामों को तेज़ कर दिया। मंगलवार सुबह यमुना का जलस्तर पुरानी रेलवे पुल पर 205.80 मीटर पहुंच गया—यह खतरे के निशान (205.33 मीटर) से ऊपर है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पानी केवल फ्लडप्लेन तक पहुंचा है और दिल्ली के मुख्य इलाकों को कोई खतरा नहीं।
CM गुप्ता ने गीता कॉलोनी के फ्लाईओवर के पास स्थापित राहत शिविर का निरीक्षण किया, जहां प्रभावित परिवारों के लिए भोजन, पानी, चिकित्सा और एक सुरक्षित व शिक्षा से जुड़े स्थान उपलब्ध कराए गए थे। सीएम ने कहा कि हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी शाम तक दिल्ली पहुंचेगा, पर हमारा नियंत्रण मजबूत है। निचले इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने और राहत शिविरों में बसाने का निर्देश जारी किया गया।
जल निकासी व्यवस्था पूरी तरह जलमुक्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत छह महीनों में दिल्ली में नालियों की सफाई की गई है और किसी भी प्रकार की जाम नहीं है। पानी बह रहा है, रुका नहीं है। इससे बाढ़ जैसी स्थिति को तेजी से नियंत्रित किया जा सका है। दिल्ली सरकार ने कंट्रोल रूम, बोट्स, राहत मेडिकल शिविर, और सोलर पैनल झिलमिलाती लाइट्स जैसी व्यवस्थाएँ लागू कर दी हैं। आपदा प्रबंधन दल सजग है।
जल्द ही स्थिति सामान्य होने की उम्मीद
कई मीडिया सूत्रों के अनुसार, विशेषज्ञ मानते हैं कि 1–2 दिनों में जलस्तर में कमी आएगी और यह वह कठिन समय है जिससे हम निकल चुके हैं। CM रेखा गुप्ता ने दोहराया कि दिल्ली “पूरी तरह सुरक्षित क्षेत्र (safe zone)” में है। उन्होंने लोगों से घबराने की बजाय संयम व सतर्कता बनाए रखने का आग्रह भी किया।





