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Wed, Dec 17, 2025

कारगिल विजय दिवस: शौर्य, बलिदान और राष्ट्रभक्ति को समर्पित दिन, सीएम डॉ. मोहन यादव का आह्वान ‘देश के लिए समर्पण का संकल्प लें’

Written by:Shruty Kushwaha
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कारगिल विजय दिवस सिर्फ सैन्य विजय का उत्सव नहीं बल्कि राष्ट्रीय एकता, बलिदान और देशभक्ति का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि शांति और स्वतंत्रता के लिए कितने सैनिक दिन रात अपनी जान जोखिम में डालकर सीमाओं की रक्षा करते हैं। यह उन शहीदों को नमन करने का अवसर है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की अखंडता को अक्षुण्ण रखा। 
कारगिल विजय दिवस: शौर्य, बलिदान और राष्ट्रभक्ति को समर्पित दिन, सीएम डॉ. मोहन यादव का आह्वान ‘देश के लिए समर्पण का संकल्प लें’

आज कारगिल विजय दिवस है। आज ही के दिन 1999 में भारतीय सेना ने पाकिस्तान समर्थित घुसपैठियों को कारगिल क्षेत्र से पूरी तरह निकालकर युद्ध समापन की घोषणा की थी। यह भारतीय जवानों की वीरता, बलिदान और मातृभूमि प्रति उनकी निष्ठा को याद करने का दिन है। आज के दिन हम एक बार फिर महसूस करते हैं कि देश की सुरक्षा के लिए सेना के कितने जवान अपने घरों से दूर रहकर जान की परवाह किए बगैर दिन-रात तैनात हैं। उनका यह समर्पण और साहस हमारे देश की अखंडता और सुरक्षा की मजबूत नींव है।

सीएम डॉ मोहन यादव ने आज के दिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा है कि ‘शौर्य और बलिदान की अमर गाथा, कारगिल विजय दिवस की हार्दिक बधाई, यह हम सभी के लिए गौरव का उत्सव है। मां भारती के वीर सपूतों के चरणों में कोटि-कोटि नमन है, जिन्होंने सर्वस्व न्यौछावर कर कारगिल में शत्रु का संहार कर विजय प्राप्त की। 60 दिनों से अधिक चले युद्ध में हमारे पराक्रमी सैनिकों ने तिरंगा फहराया। यह अवसर राष्ट्र के प्रति समर्पण के प्रण का है। आइए हम सब मां भारती की सेवा में सर्वस्व समर्पित करने का संकल्प लें।’

कारगिल विजय दिवस

आज देशभर में 26वां कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है। वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा दिखाए गए अदम्य साहस और बलिदान को स्मरण करते हुए शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। यह दिन उन सैनिकों के साहस, दृढ़ संकल्प और देशभक्ति को याद करने का अवसर है जिन्होंने बेहद कठिन परिस्थितियों में भारत की संप्रभुता की रक्षा की है।

कारगिल युद्ध मई से जुलाई 1999 तक जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास लड़ा गया। पाकिस्तानी सेना और उनके समर्थित घुसपैठियों ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ऊंची चोटियों जैसे टाइगर हिल, तोलोलिंग और बटालिक पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ शुरू किया जिसमें करीब 30,000 सैनिकों ने हिस्सा लिया और दुश्मन को खदेड़ने के लिए लंबी कठिन लड़ाई लड़ी।

युद्ध की प्रमुख घटनाएं

  • घुसपैठ की जानकारी: मई 1999 में स्थानीय चरवाहे ताशी नामग्याल ने कारगिल के बटालिक क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना दी। उनकी सूचना ने भारतीय सेना को घुसपैठ की गंभीरता का पता लगाने में मदद की।
  • ऑपरेशन विजय: भारतीय सेना ने 18,000 फीट की ऊंचाई पर, -10 डिग्री सेल्सियस से नीचे के तापमान में ऑक्सीजन की कमी जैसे कठिन हालात में लड़ाई लड़ी। तोलोलिंग की पहली बड़ी जीत 13 जून 1999 को हासिल हुई।
  • वायुसेना की भूमिका: भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ के तहत मिग-21, मिग-27, और मिराज-2000 जैसे विमानों से हवाई हमले किए। यह पहला मौका था जब भारतीय वायुसेना ने इतनी ऊंचाई पर युद्ध अभियान चलाया।
  • टाइगर हिल की जीत: 4 जुलाई 1999 को टाइगर हिल पर कब्जा युद्ध का निर्णायक मोड़ साबित हुआ। कैप्टन विक्रम बत्रा की अगुवाई में इस अभियान ने दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर किया।
  • विजय की घोषणा: 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने अधिकांश कब्जे वाली चोटियों को वापस ले लिया जिसे आधिकारिक तौर पर कारगिल विजय दिवस घोषित किया गया।