कर्नाटक के सामाजिक कल्याण और मैसूर जिला प्रभारी मंत्री एचसी महादेवप्पा के दावे ने विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि टीपू सुल्तान ने श्रीरंगपटना में कृष्ण राजा सागर (KRS) बांध की नींव रखी थी। इतिहासकारों ने इस दावे का खंडन किया है, उनका कहना है कि इस बांध की नींव मैसूर राजवंश के नलवाडी कृष्णराजा वोडेयार ने रखी थी। बीजेपी और मैसूर-कोडगु सांसद यदुवीर वोडेयार ने इस बयान को हास्यास्पद और निराधार बताकर इसकी निंदा की है।
बीजेपी नेता सीटी रवि ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस नेता टीपू सुल्तान को केआरएस बांध की नींव का श्रेय दे रहे हैं और जल्द ही वे यह भी कह सकते हैं कि टीपू के पिता हैदर अली ने राज्य गान लिखा था। उन्होंने कांग्रेस पर कर्नाटक की विरासत को मिटाने और मैसूर राजवंश का अपमान करने का आरोप लगाया। रवि ने इसे वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा बताया।
तुष्टिकरण की राजनीति
बीजेपी नेता आर अशोक ने भी महादेवप्पा के दावे को इतिहास का विकृतिकरण और तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया। उन्होंने कहा कि टीपू सुल्तान का निधन 1799 में हो गया था, जबकि बांध का निर्माण 1911 में नलवाडी कृष्णराजा वोडेयार के नेतृत्व में शुरू हुआ, जिन्होंने इसे अपने निजी धन और राजसी गहनों को बेचकर वित्तपोषित किया था। अशोक ने कांग्रेस पर वोडेयार की विरासत को कमजोर करने का आरोप लगाया।
दावे का कोई सबूत नहीं
मैसूर-कोडगु सांसद यदुवीर वोडेयार ने कहा कि इस दावे का कोई सबूत नहीं है और सभी जानते हैं कि केआरएस बांध का निर्माण किसने करवाया। उन्होंने स्वीकार किया कि टीपू सुल्तान ने रेशम उत्पादन को प्रोत्साहित किया हो सकता है, लेकिन उनके एक अच्छे काम से मंड्या के अय्यंगारों, गर्भवती महिलाओं सहित किए गए नरसंहार जैसे सौ अपराध मिटाए नहीं जा सकते। यदुवीर ने जोर देकर कहा कि इतिहास का उपयोग वोट की राजनीति के लिए नहीं करना चाहिए और इसे सबूतों के साथ प्रस्तुत करना चाहिए।





