भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है, और भारत की तीनों सेनाओं को 24×7 यानी हर वक्त पूरी तरह सतर्क रहना होगा। जनरल चौहान ने कहा, युद्ध के लिए सिर्फ हथियार (शस्त्र) नहीं, ज्ञान (शास्त्र) भी उतना ही जरूरी है। उनका यह बयान इस बात पर जोर देता है कि आज के समय में युद्ध पारंपरिक नहीं रह गया है, बल्कि इसमें तकनीक और रणनीति दोनों का बराबर इस्तेमाल होता है।
युद्ध की नई परिभाषा – हथियार और तकनीक का मेल
CDS चौहान ने बताया कि आज का युद्ध केवल गोलियों और बमों से नहीं लड़ा जाता, बल्कि यह काइनेटिक (हथियार आधारित) और नॉन-काइनेटिक (सूचना, साइबर, इलेक्ट्रॉनिक आदि) तरीकों का संयोजन है। अब युद्ध की तैयारी में डाटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी और रणनीतिक सोच भी अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सेनाओं को हर स्तर पर तैयार रहना होगा, क्योंकि खतरा किसी भी रूप में कभी भी आ सकता है।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर, संसद में हुई जानकारी
गुरुवार को संसद में केंद्र सरकार ने जानकारी दी कि ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को शुरू हुआ था, जो 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया। इस हमले में कई जवान शहीद हुए थे। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी संगठनों के ठिकानों पर फोकस्ड और मापी हुई कार्रवाई की। विदेश राज्य मंत्री किर्ती वर्धन सिंह ने बताया कि इस ऑपरेशन का मकसद आतंक के ढांचे को खत्म करना था।
पाकिस्तान को भारी नुकसान, फिर मांगा युद्धविराम
इस ऑपरेशन के दौरान भारत ने जैश-ए-मोहम्मद, हिज़बुल मुजाहिद्दीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के 9 ठिकानों को नष्ट किया और 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया। भारत ने पाकिस्तानी एयरबेस और मिलिट्री ठिकानों पर भी हमला किया, जब पाकिस्तान की तरफ से हमारे सैन्य और नागरिक ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की गई। चार दिन तक चली कार्रवाई के बाद, 10 मई को पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम का प्रस्ताव आया, जिसे भारत ने मान लिया। लेकिन जनरल चौहान के ताजा बयान से साफ है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ और सेना हर स्थिति के लिए तैयार है।





