MP Breaking News
Wed, Dec 17, 2025

‘कठिन सवालों के जवाब देने से इनकार’, चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर विपक्ष हमलावर

Written by:Mini Pandey
Published:
विपक्ष ने दावा किया कि निर्वाचन आयोग निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव प्रणाली सुनिश्चित करने में असमर्थ है। इसके नेतृत्व में स्तरबद्ध खेल का मैदान सुनिश्चित करने की क्षमता नहीं है।
‘कठिन सवालों के जवाब देने से इनकार’, चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर विपक्ष हमलावर

विपक्षी दलों ने सोमवार को संयुक्त बयान जारी कर निर्वाचन आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस की आलोचना की। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, टीएमसी, शिवसेना (यूबीटी), डीएमके, एनसीपी (एससीपी), आरजेडी, आप, जेएमएम, सीपीआई, सीपीआई(एम), सीपीआई(एमएल) सहित अन्य दलों ने दावा किया कि आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्यों को निभाने में पूरी तरह विफल रहा है। बयान में कहा गया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कठिन सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया।

विपक्ष ने आरोप लगाया कि आयोग ने महादेवपुरा में मतदाता धोखाधड़ी के आरोपों पर कोई जांच या कार्रवाई नहीं की। बयान में कहा गया कि आयोग सत्तारूढ़ दल को चुनौती देने वालों को डराने का प्रयास कर रहा है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। विपक्ष ने दावा किया कि निर्वाचन आयोग निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव प्रणाली सुनिश्चित करने में असमर्थ है इसके नेतृत्व में स्तरबद्ध खेल का मैदान सुनिश्चित करने की क्षमता नहीं है।

अखिलेश यादव क्या बोले

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद परिसर में पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर मतदाता सूची से नाम हटाने और अनियमितताओं के खिलाफ 18,000 हलफनामे निर्वाचन आयोग को सौंपे हैं। उन्होंने कहा कि अगर इन हलफनामों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो आयोग पर भरोसा उठ जाएगा। यादव ने अमापुर, बख्शी का तालाब, जौनपुर सदर और कुर्सी जैसे निर्वाचन क्षेत्रों में अनियमितताओं का उल्लेख किया।

‘राजनीतिक ताकत कमजोर हुई’

अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि मौर्य, पाल, भागेल और राठौर जैसी कुछ समुदायों को निशाना बनाकर उनके मतदाता नाम हटाए गए, जिससे उनकी राजनीतिक ताकत कमजोर हुई। उन्होंने कहा कि कुछ सीटों पर उनकी पार्टी मामूली अंतर से हारी, जिसमें इन मतदाता हटाने की कार्रवाइयों की सीधी भूमिका थी। विपक्ष ने आयोग से इन आरोपों पर तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की है, ताकि चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और विश्वसनीयता बनी रहे।