Mon, Dec 22, 2025

घर में सीढ़ियां बनवाते समय न करें ये 3 गलतियां, वरना जीवनभर भुगतना पड़ेगा नुकसान

Written by:Bhawna Choubey
Published:
सीढ़ियों की गलत दिशा बना सकती है घर में नेगेटिव एनर्जी का कारण, जानिए सीढ़ियों के वास्तु दोष कैसे करते हैं जीवन पर असर और किन आसान उपायों से मिल सकता है तुरंत समाधान।
घर में सीढ़ियां बनवाते समय न करें ये 3 गलतियां, वरना जीवनभर भुगतना पड़ेगा नुकसान

घर बनवाते वक्त लोग अक्सर सजावट, डिजाइन या स्पेस पर ज्यादा ध्यान देते हैं, लेकिन वास्तु की छोटी-छोटी बातें अनजाने में नजरअंदाज हो जाती हैं। इन्हीं में से एक है सीढ़ियों की दिशा। अगर सीढ़ियां गलत दिशा में बनी हों, तो ये घर में आर्थिक, मानसिक और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को न्योता दे सकती हैं।

वास्तु शास्त्र (Vastu Tips) के अनुसार, सीढ़ियों की सही दिशा और डिजाइन घर में पॉजिटिव एनर्जी को बनाए रखती है। लेकिन अगर सीढ़ियां दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पूर्व या गलत ढलान में हों, तो इसे वास्तु दोष माना जाता है। आइए जानते हैं कि सीढ़ियों की सही दिशा क्या होनी चाहिए और यदि गलती हो गई हो तो उसके समाधान क्या हैं।

घर में सीढ़ियों की दिशा और वास्तु दोष के समाधान

1. सीढ़ियों के लिए कौन-सी दिशा होती है सबसे शुभ?

वास्तु के मुताबिक घर में सीढ़ियां बनवाने के लिए सबसे उपयुक्त दिशा दक्षिण-पश्चिम (South-West) या दक्षिण (South) मानी जाती है। सीढ़ियां हमेशा क्लॉकवाइज़ यानी दाईं ओर घूमती हुई चढ़नी चाहिए। इससे घर में स्थिरता और प्रगति बनी रहती है।

सीढ़ियों की शुरुआत नीचे से पश्चिम या दक्षिण दिशा में होनी चाहिए और ऊपर की ओर उत्तर या पूर्व दिशा में जाना चाहिए। इससे घर में संतुलन और पॉजिटिव वाइब्स बनी रहती हैं।

2. सीढ़ियों से जुड़े वास्तु दोष: कैसे डालते हैं असर

अगर सीढ़ियां उत्तर-पूर्व (North-East) दिशा में बन जाएं, तो ये गंभीर वास्तु दोष मानी जाती है। इससे घर के पुरुष सदस्यों की सेहत खराब हो सकती है और मानसिक तनाव बना रह सकता है।

इसके अलावा, अगर सीढ़ियों की संख्या विषम न हो तो इसे भी दोषपूर्ण माना जाता है। वास्तु के अनुसार सीढ़ियों की संख्या विषम यानी 9, 11, 13 आदि होनी चाहिए। अंडरस्टेयर एरिया यानी सीढ़ियों के नीचे टॉयलेट, किचन या मंदिर होना भी बड़ा दोष है। इससे घर में आर्थिक समस्याएं और पारिवारिक तनाव बढ़ता है।

3. सीढ़ियों के वास्तु दोष दूर करने के आसान उपाय

  • उत्तर-पूर्व दिशा में बनी सीढ़ियों पर हल्के पीले या सफेद रंग से पेंट करें और रोज सुबह वहां दीपक जलाएं।
  • सीढ़ियों के नीचे कोई धार्मिक चित्र या मंत्र लगाएं, जैसे ‘ॐ नमः शिवाय’ या ‘गायत्री मंत्र’। इससे नेगेटिव एनर्जी का प्रभाव कम होता है।
  • अगर सीढ़ियां टेढ़ी-मेढ़ी या अव्यवस्थित हैं, तो उनकी फिनिशिंग और सपोर्ट स्ट्रक्चर को ठीक करवाएं, ताकि ऊर्जा का प्रवाह बाधित न हो।