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Sat, Dec 20, 2025

मऊ रेलवे स्टेशन पर बिना अनुमति रियलिटी चेक और प्रेस कॉन्फ्रेंस, मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर पर मुकदमा दर्ज

Written by:Saurabh Singh
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रेलवे प्रशासन का कहना है कि इस दौरान प्लेटफॉर्म पर यात्रियों को असुविधा हुई और रेल संचालन भी प्रभावित हुआ। यह कार्रवाई समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय की शिकायत पर की गई है।
मऊ रेलवे स्टेशन पर बिना अनुमति रियलिटी चेक और प्रेस कॉन्फ्रेंस, मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर पर मुकदमा दर्ज

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बेटे और सुभासपा के महासचिव अरविंद राजभर पर रेलवे ने गंभीर आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि अरविंद राजभर ने बिना किसी अधिकार और अनुमति के मऊ रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर अपने समर्थकों के साथ पहुंचकर निरीक्षण किया और प्रेस कॉन्फ्रेंस की। रेलवे प्रशासन का कहना है कि इस दौरान प्लेटफॉर्म पर यात्रियों को असुविधा हुई और रेल संचालन भी प्रभावित हुआ। यह कार्रवाई समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय की शिकायत पर की गई है।

क्या है पूरा मामला?

19 मार्च: बिना अनुमति स्टेशन का ‘रियलिटी चेक’

अरविंद राजभर 19 मार्च को अपने समर्थकों और काफिले के साथ मऊ रेलवे स्टेशन पहुंचे। रेलवे का आरोप है कि न तो किसी ने प्लेटफार्म टिकट लिया और न ही कोई पूर्व अनुमति ली गई। उन्होंने न सिर्फ निरीक्षण किया, बल्कि स्टेशन परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। इस दौरान उन्होंने सपा सांसद राजीव राय के उस बयान का खंडन किया जिसमें मऊ स्टेशन को प्रदेश का सबसे पिछड़ा जंक्शन बताया गया था। अरविंद ने स्टेशन की सफाई, पानी, टीनशेड और पार्किंग व्यवस्था की तारीफ की और कहा कि सांसद की आंखें बंद हैं या चश्मा उतारकर आते हैं।

20 मार्च: राजीव राय का पलटवार

सांसद राजीव राय ने 20 मार्च को वीडियो जारी कर अरविंद राजभर की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा कि किस अधिकार से वह रेलवे स्टेशन का निरीक्षण कर रहे थे। सांसद ने कहा कि अगर कोई बिना टिकट प्लेटफॉर्म पर जाता है तो कार्रवाई होती है, फिर ये कैसे चले गए?

21 मार्च: रेल मंत्री से की गई शिकायत

राजीव राय ने 21 मार्च को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर शिकायत की और कहा कि स्टेशन को राजनीतिक मंच बनाना खतरनाक हो सकता है।

4 अप्रैल: RPF थाने में FIR दर्ज

इसके बाद 4 अप्रैल को मऊ RPF थाने में अरविंद राजभर और 20-25 अज्ञात लोगों पर रेलवे अधिनियम की धाराओं 145, 146 और 147 के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

18 जुलाई: रेलवे ने सांसद को भेजा पत्र, FIR की पुष्टि

रेलवे के वाराणसी मंडल के डीआरएम वीके श्रीवास्तव ने 17 जुलाई को सांसद को पत्र भेजकर एफआईआर की पुष्टि की। पत्र में कहा गया कि अरविंद राजभर ने बिना अनुमति के प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिससे रेल कर्मियों के कामकाज में बाधा पड़ी और यात्रियों को असुविधा हुई।

सांसद राजीव राय को रेलवे प्रशासन ने यह लेटर भेजा है।

रेलवे प्रशासन सख्त

डीआरएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। एक्सेस कंट्रोल को प्रभावी बनाया जाए और अवैध आवाजाही पर रोक लगे।

अरविंद राजभर की सफाई

अरविंद राजभर ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए कहा कि वे निरीक्षण के लिए नहीं बल्कि पार्टी के वरिष्ठ नेता के स्वागत के लिए स्टेशन गए थे। पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने सांसद के बयान पर प्रतिक्रिया दी थी। अरविंद ने कहा कि यह सब सांसद राजीव राय द्वारा प्रायोजित राजनीतिक साजिश है। उनकी बढ़ती लोकप्रियता से सांसद घबरा गए हैं और उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब वह स्टेशन पर थे, तब कोई भी रेलवे अधिकारी मौजूद नहीं था। अगर कोई यह साबित कर दे कि वहां कोई अधिकारी था, तो वह जवाब देने को तैयार हैं। अरविंद ने मांग की कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए ताकि सच सामने आ सके।