उत्तर प्रदेश के मेरठ से प्रयागराज के बीच बन रहे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी से अंतिम चरण में पहुँच चुका है। नवंबर के बाद किसी भी दिन इसका उद्घाटन होने की उम्मीद है। गंगा एक्सप्रेसवे का कुल लंबाई 594 किलोमीटर है, और इसका निर्माण कार्य अब लगभग 95 प्रतिशत पूरा हो चुका है। यूपीडा की रिपोर्ट के अनुसार, इस मार्ग में कुल 1498 स्ट्रक्चर में से 1494 का निर्माण पूर्ण हो चुका है। चार स्ट्रक्चर का कार्य अंतिम चरण में है।
गंगा एक्सप्रेसवे पर मेरठ से प्रयागराज के बीच की यात्रा अब आसान और तेज हो जाएगी। इस मार्ग का ट्रायल अक्तूबर के अंत या नवंबर में यूपीडा की उच्चस्तरीय टीम द्वारा किया जाएगा। मिट्टी कार्य लगभग पूर्ण होने के साथ-साथ तारकोल और अन्य निर्माण कार्य भी 97 प्रतिशत पूरा हो चुका है। निर्माण कार्य में देरी की कोई संभावना नहीं है, और दावा किया जा रहा है कि सभी कार्य नवंबर तक पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे।
मेरठ से बदायूं के बीच के 129 किलोमीटर सेक्शन का कार्य भी लगभग पूर्ण हो चुका है। यूपीडा अधिकारियों का कहना है कि मेरठ से बदायूं के बीच कुल 129.7 किलोमीटर में निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है, जिसमें कुल 322 स्ट्रक्चर तैयार हैं। गंगा पर बने बड़े पुल के निर्माण के साथ-साथ अन्य जिलों में भी एक्सप्रेसवे को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
गंगा एक्सप्रेसवे का महत्व और लाभ
गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर 2021 को किया था। यह एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक यात्रा को सुगम बनाने के लिए बनाया जा रहा है। इससे न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। इस एक्सप्रेसवे से जुड़े कई जिलों को विकास के नए अवसर मिलेंगे, जिससे स्थानीय निवासियों को भी लाभ होगा।
निर्माण कार्य की प्रगति
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य नवंबर 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। चार स्ट्रक्चर के निर्माण का काम अंतिम चरण में है, जिससे निर्माण में कोई बाधा नहीं आएगी। रास्ते में आवश्यक कट छोड़े गए हैं ताकि वाहनों के आवागमन में कोई रुकावट न आए। निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
इस एक्सप्रेसवे के जरिए उत्तर प्रदेश में यात्रा और व्यापार को बढ़ावा देने की योजना है। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।





