उत्तर प्रदेश को देश का ‘ग्रोथ इंजन’ बनाने की दिशा में टाटा समूह ने अपनी भागीदारी और मजबूत करने के संकेत दिए हैं। लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस मुलाकात का मुख्य एजेंडा राज्य में मौजूदा परियोजनाओं की समीक्षा और भविष्य के निवेश की रूपरेखा तैयार करना था। चर्चा के केंद्र में टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग, ऊर्जा और पर्यटन जैसे प्रमुख सेक्टर रहे।
बैठक के दौरान सबसे अहम चर्चा लखनऊ में ‘एआई सिटी’ (AI City) विकसित करने को लेकर हुई। प्रस्तावित योजना के मुताबिक, यह एक ऐसा हब होगा जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े स्टार्टअप्स, रिसर्च सेंटर और तकनीकी गतिविधियों को एक ही छत के नीचे लाया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे न केवल प्रदेश की तकनीकी क्षमता बढ़ेगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
गोरखपुर और पूर्वांचल पर विशेष फोकस
पूर्वांचल के विकास को गति देने के लिए गोरखपुर में बन रहे ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ की प्रगति पर भी बात हुई। करीब 48 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहे इस केंद्र का उद्देश्य युवाओं को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण देना है। आईआईटी कानपुर के सहयोग से यहां एआई, साइबर सिक्योरिटी, डेटा साइंस, ड्रोन टेक्नोलॉजी और 3डी प्रिंटिंग जैसे क्षेत्रों में ट्रेनिंग दी जाएगी। यह कदम स्थानीय युवाओं को स्किल डेवलपमेंट के जरिए रोजगार के लिए तैयार करने में मददगार साबित होगा।
TCS का विस्तार और 30 हजार नौकरियों का लक्ष्य
आईटी सेक्टर में रोजगार की संभावनाएं तलाश रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। बैठक में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की लखनऊ, नोएडा और वाराणसी इकाइयों के विस्तार पर भी मंथन हुआ। प्रस्ताव के अनुसार, लखनऊ और नोएडा में टीसीएस अपनी वर्क फोर्स को बढ़ाकर 30 हजार तक ले जाने की योजना पर काम कर रही है। इसके अलावा, राज्य में ‘ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर’ (GCC) स्थापित करने की संभावनाओं पर भी विचार किया गया, जो प्रदेश को आईटी हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
डिफेंस और ईवी सेक्टर में निवेश
उत्तर प्रदेश के डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में भी टाटा समूह की दिलचस्पी दिखी है। बैठक में झांसी सहित अन्य नोड्स पर ड्रोन, रक्षा वाहन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण से जुड़े निवेश प्रस्तावों पर चर्चा की गई। वहीं, इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सेक्टर में भी विस्तार की योजना है। इसमें नए ईवी मॉडल्स के विकास और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। ऊर्जा क्षेत्र में प्रयागराज के बारा थर्मल प्लांट और रूफटॉप सोलर परियोजनाओं की स्थिति भी साझा की गई।
धार्मिक पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी को बढ़ावा
यूपी में बढ़ते पर्यटन को देखते हुए टाटा समूह हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में भी अपना दायरा बढ़ा रहा है। ताज, विवांता और सिलेक्शन्स ब्रांड के तहत बन रहे होटलों के काम में तेजी लाने पर बात हुई। इसके अलावा अयोध्या में ‘म्यूजियम ऑफ टेम्पल’ प्रोजेक्ट और मथुरा-वृंदावन में प्राचीन कुंडों के जीर्णोद्धार जैसे कार्यों में भी टाटा समूह की भागीदारी पर चर्चा की गई।
इस बैठक से साफ संकेत मिले हैं कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में टाटा समूह का निवेश और बढ़ने वाला है, जिससे औद्योगिक विकास के साथ-साथ रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे। हालांकि, इन प्रस्तावों को अभी औपचारिक प्रक्रियाओं से गुजरना बाकी है।





