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Mon, Dec 22, 2025

यूपी पंचायत चुनाव वोटर लिस्ट से क्यों हटाए जा रहे सवा करोड़ नाम? अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को घेरा

Written by:Saurabh Singh
Published:
सपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में ‘वोट चोरी’ के सबूत के साथ 18,000 हलफनामे आयोग को सौंपे थे, लेकिन आयोग ने केवल 14 का जवाब दिया और बाकी 17,986 को नजरअंदाज कर दिया।
यूपी पंचायत चुनाव वोटर लिस्ट से क्यों हटाए जा रहे सवा करोड़ नाम? अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को घेरा

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में वोटर लिस्ट से सवा करोड़ नाम हटाने की खबरों पर निर्वाचन आयोग पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आयोग को ‘जुगाड़ आयोग’ करार देते हुए सवाल उठाया कि जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से डुप्लीकेट वोटरों की पहचान कर सवा करोड़ नाम हटाए जा सकते हैं, तो सपा द्वारा दिए गए 17,986 हलफनामों का जवाब क्यों नहीं दिया जा रहा। अखिलेश ने यह दावा ‘एक्स’ पर एक समाचार चैनल के वीडियो के साथ पोस्ट किया, जिसमें एआई के जरिए वोटर लिस्ट शुद्ध करने की बात थी।

अखिलेश ने आरोप लगाया कि सपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में ‘वोट चोरी’ के सबूत के साथ 18,000 हलफनामे आयोग को सौंपे थे, लेकिन आयोग ने केवल 14 का जवाब दिया और बाकी 17,986 को नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने दावा किया कि यह भाजपा, निर्वाचन आयोग और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत का नतीजा है, जिसके तहत सपा समर्थकों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए। अखिलेश ने इस मुद्दे को बिहार में राहुल गांधी की ‘वोट अधिकार यात्रा’ से भी जोड़ा, जिसमें वह स्वयं शामिल हुए थे।

अखिलेश का आयोग की पारदर्शिता पर सवाल

पिछले महीने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने विपक्ष के ‘वोट चोरी’ के आरोपों को खारिज किया था। इसके बावजूद, अखिलेश ने आयोग की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह अपने हलफनामों के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में भाजपा पर विश्वविद्यालयों के ‘संगी-साथीकरण’ के जरिए शिक्षा को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया, जिसका असर छात्रों की पढ़ाई और भविष्य पर पड़ रहा है।

हलफनामों का जवाब दे

विपक्षी दलों, खासकर सपा और कांग्रेस, ने वोटर लिस्ट में अनियमितताओं को लेकर निर्वाचन आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। अखिलेश का यह बयान उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनावों से पहले राजनीतिक माहौल को और गर्माने वाला है। उनकी मांग है कि आयोग पारदर्शी तरीके से उनके हलफनामों का जवाब दे और वोटर लिस्ट से नाम हटाने की प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित करे। यह मुद्दा आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है।