ज्योतिष शास्त्र में बुध को ग्रहों का राजकुमार और सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। बुध संचार, बुद्धि, तर्कशास्त्र, गणित और व्यापार के कारक माने जाते हैं। सूर्य, आत्मा व पिता के कारक होते हैं। नए साल के पहले महीने यानि जनवरी 2026 में सूर्य और बुध मिलकर मकर राशि में बुधादित्य राजयोग बनाने जा रहे हैं।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वर्तमान में सूर्य और बुध धनु राशि (देवगुरु बृहस्पति की राशि) में विराजमान है। 14 जनवरी 2026 को सूर्य ग्रह मकर राशि में गोचर करेंगे। इसके 3 दिन बाद यानि 17 जनवरी को बुध भी मकर राशि (शनि की राशि) में प्रवेश करेंगे। इस दौरान बुध और सूर्य की युति बनेगी और बुधादित्य राजयोग का निर्माण होगा। इसका प्रभाव 3 फरवरी 2026 तक रहेगा, क्योंकि इसके बाद बुध कुंभ राशि में चले जाएंगे। इस राजयोग का सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलेगा, लेकिन 3 राशियों के लिए यह बेहद शुभ रहने वाला है। आइए जानते हैं इन भाग्यशाली राशियों के बारे में…
मीन राशि पर प्रभाव: जनवरी में बुध और सूर्य की युति से बनने वाला बुधादित्य राजयोग जातकों के लिए फलदायी साबित हो सकता है। आय में वृद्धि के प्रबल योग बनेंगे । निवेश से लाभ मिलने की संभावना है। राजनीति से जुड़े लोगों को बड़े पद की प्राप्ति के प्रबल संकेत हैं। लंबे समय से अटके कामों को गति मिल सकती है। भाग्य का साथ मिलेगा। पद पैसा और प्रतिष्ठा में वृद्धि होने के योग है। जीवन में खुशहाली आएगी। इस समय आपको संंतान से संबंधित शुभ समाचार मिल सकता है।
वृषभ राशि का प्रभाव: बुध सूर्य की युति और बुधादित्य राजयोग से जातकों का भाग्योदय हो सकता है। भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि हो सकती है। छात्रों का विदेश में जाकर पढ़ाई करने का सपना पूरा हो सकता है। किसी धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिलेगा। समाज में मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी। राजनीति से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल रहने वाला है।
मकर राशि पर प्रभाव: सूर्य बुध का संयोग और बुधादित्य राजयोग से जातकों के जीवन में खुशियों की दस्तक होगी। भाग्य के साथ परिवार का पूरा साथ मिलेगा। करियर व कारोबार के लिए समय सुनहरा रहेगा। लंबे समय से अधूरे और अटके पड़े प्रोजेक्ट शुरू कर सकते हैं। भौतिक सुखों के साथ आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। शादीशुदा लोगों का वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा। अविवाहित लोगों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते हैं।
कब बनता है बुधादित्य राजयोग
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आदित्य का मतलब सूर्य से होता है, इस तरह से जब कुंडली में सूर्य और बुध दोनों ग्रह एक साथ एक राशि में मौजूद हों तो बुधादित्य राजयोग बनता है। बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में मौजूद रहता है उसे वह मजबूत बना देता है। कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह राजयोग धन, सुख-सुविधा, वैभव, उच्च पद और मान-सम्मान की प्राप्ति कराता है।
(डिसक्लेमर : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP Breaking News किसी भी ज्योतिषीय दावे या भविष्यवाणी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)





