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Sun, Dec 21, 2025

डबल राजयोग खोलेगा 4 राशियों की किस्मत! 22 मई से गोल्डन टाइम, पद पैसा और प्रतिष्ठा के प्रबल योग

Written by:Pooja Khodani
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ज्योतिष में चंद्रमा को सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह माना जाता हैं ,वे हर ढाई दिन में राशि बदलते हैं।वही गुरू 13 महीने में राशि परिवर्तन करते है, ऐसे में मई अंत में चन्द्रमा गुरू के साथ दो बड़े राजयोग बनाने जा रहे है जिससे कुछ राशि के जातकों को बंपर लाभ मिल सकता है। आइए जानते हैं इन भाग्यशाली राशियों के बारे में…
डबल राजयोग खोलेगा 4 राशियों की किस्मत! 22 मई से गोल्डन टाइम, पद पैसा और प्रतिष्ठा के प्रबल योग

Gajkesari/Navpanchm Rajyog : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों, राशियों और कुंडली और नक्षत्र का बड़ा महत्व माना जाता है। हर ग्रह एक निश्चित अंतराल के बाद एक से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, ऐसे में एक राशि में दो या दो से अधिक ग्रहों के आने से योग राजयोग और दुर्लभ संयोग बनते है।इसी क्रम में मई अंत में देव गुरू बृहस्पति और चन्द्रमा गजकेसरी व नवपंचम राजयोग बनाने जा रहे है

वर्तमान में ज्ञान, बुद्धि, धर्म, भाग्य और संतान के कारक गुरू वृषभ राशि में विराजमान है और 14 मई को मिथुन राशि में गोचर करेंगे। 22 मई चन्द्रमा मीन राशि में गोचर करेंगे जिससे गुरू चन्द्र की युति से नवपंचम राजयोग बनेगा।28 मई को मन के कारक चन्द्रमा फिर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, ऐसे में ग्रहों के राजकुमार मिथुन राशि में चन्द्र गुरू की युति से गजकेसरी राजयोग बनेगा। मई अंत में बनने वाले यह दोनों राजयोग 4 राशियों के लिए बेहद लकी साबित हो सकते है। आईए जानते है कौन सी है वो राशियां…………..

गुरू चन्द्र के गजकेसरी-नवपंचम राजयोग का राशियों पर प्रभाव

मिथुन राशि : चंद्रमा बृहस्पति की युति से बने गजकेसरी राजयोग से जातकों को विशेष लाभ की प्राप्ति हो सकती है।लंबे समय चली आ रही समस्याएं खत्म होंगी। अध्यात्म व धर्म-कर्म के कामों में झुकाव बढ़ेेगा।  आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। विदेश यात्रा के प्रबल योग है।नवपंचम राजयोग से करियर में सफलता और व्यवसाय में  उन्नति मिल सकती हैं। नौकरीपेशा के रुके हुए काम भी पूरे होंगे। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। छात्रों के लिए यह समय लाभकारी रहेगा।

मीन राशि: नवपंचम राजयोग जातकों के लिए अनुकूल साबित हो सकता है। आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। रिश्तेदारों के साथ आपके संबंध अच्छे होंगे ।मानसिक शांति बनी रहेगी।धर्म और आध्यात्मिक कार्यों में आपकी रुचि बढ़ेगी।घर-परिवार में खुशी का माहौल रहेगा । कार्यस्थल पर आपके काम की तारीफ की जाएगी। धन वृद्धि के योग बन सकते हैं।

वृश्चिक राशि : जातकों के लिए गजकेसरी राजयोग वरदान से कम साबित नही होगा । परिवार और भाग्य का पूरा साथ मिल सकता है। लंबे समय से रुके काम पूरे हो सकते हैं। नौकरी में नए अवसर के साथ पदोन्नति व वेतन वृद्धि का लाभ मिल सकता है। ससुराल पक्ष की ओर से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। अध्यात्म की ओर झुकाव होगा। धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं। पैतृक संपत्ति से किसी प्रकार का लाभ मिल सकता है।

कुंभ राशि : मई अंत में गजकेसरी राजयोग का बनना जातकों के लिए अनुकूल रहेगा। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा । अधूरे और रुके हुए काम पूरे होंगे।घर-परिवार की समस्याओं का हल होगा। आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। पैतृक व्यवसाय से बड़ा लाभ हो सकता है। अविवाहितों के लिए शादी के प्रस्ताव आ सकते है।नवपंचम राजयोग से बेरोजगारों को नौकरी के नए अवसर मिल सकते है।नौकरीपेशा व छात्रों के लिए समय अच्छा रहेगा ।रुका हुआ धन भी वापस मिल सकता है । इस अवधि में यात्रा के प्रबल योग है। परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा।

नवपंचम राजयोग के बारें में

  • नवपंचम राजयोग: जब दो ग्रह पंचम दृष्टि अथवा त्रिकोणीय संबंध में स्थित होकर शुभ भावों में परस्पर दृष्टि डालते हैं, तब नवपंचम राजयोग बनता है।जब दो ग्रह एक दूसरे से त्रिकोण भाव में स्थित हो जाते हैं, दोनों ग्रहों के बीच 120 डिग्री का कोण बनता है तथा एक ही तत्व राशि होती है, तो नवपंचम राजयोग बनता है ।
  • जब दो ग्रह अपनी जन्म कुंडली में नवम और पंचम भाव में होते हैं। नवम और पंचम भाव को त्रिकोण भाव भी कहा जाता है।ज्योतिष में मेष, सिंह, धनु को अग्नि राशि, वृषभ, कन्या, मकर को पृथ्वी राशि, मिथुन, तुला, कुंभ को वायु राशि और कर्क वृश्चिक मीन को जल राशि माना जाता है, ऐसे में जब एक ही तत्व वाली 2 राशियों में 2 ग्रह पहुंचकर 120 डिग्री का कोण, जिसे नक्षत्र के द्वारा भी जान सकते हैं, तो नवपंचम राजयोग बनता है।
  • गजकेसरी राजयोग: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गजकेसरी योग मतलब हाथी के ऊपर सवार सिंह। इस योग में चंद्रमा की युति गुरु, बुध और शुक्र के साथ होती है। अगर चंद्रमा ,गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण जातक की कुंडली में होता है । अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो तो इस योग का निर्माण होता है।यदि चंद्र या गुरु में से कोई भी एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो भी गजकेसरी योग बनता है।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)