January Rajyog 2026: ज्योतिष में ग्रहों, नक्षत्रों और कुंडली का बड़ा महत्व होता है। हर एक ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद चाल बदलते है, इस दौरान योग संयोग भी बनते है, जिसका प्रभाव 12 राशियों पर सकारात्मक व नकारात्मक रूप से देखने को मिलता है।इसी क्रम में नए साल के पहले महीने में ग्रहों के राजकुमार बुध, ग्रहों के सेनापति मंगल, देवताओं के गुरू बृहस्पति, दैत्यों के गुरू शुक्र और ग्रहों के राजा सूर्य मिलकर अलग अलग राजयोग बनाने वाले है। आत्मा व पिता के कारक सूर्य 14 जनवरी, वैभव ऐश्वर्य के कारक शुक्र 13 जनवरी, साहस पराक्रम के कारक मंगल 16 जनवरी, मन के कारक चन्द्रमा 2 जनवरी और बुद्धि व्यापार के कारक बुध 17 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करेंगे जिससे मकर राशि में बुध सूर्य की युति से बुधादित्य, सूर्य शुक्र से शुक्रादित्य, मंगल सूर्य से मंगल आदित्य राजयोग और गुरू चन्द्र की युति से गजकेसरी बनेगा जो 3 राशियों के लिए बेहद शुभ साबित होने वाला है।
जनवरी से बदलेगी 3 राशियों की किस्मत
तुला राशि पर प्रभाव: जनवरी में एक साथ कई राजयोग का बनना जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है।आत्मविश्वास और सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। लंबे समय से रुके व अटके हुए काम पूरे हो सकते हैं। नौकरीपेशा को प्रमोशन या मनचाही पोस्टिंग मिलने के योग हैं। बिजनेस से जुड़े लोगों को नई डील मिल सकती है।आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। निवेश से लाभ मिल सकता है।किस्मत का पूरा साथ मिल सकता है। समाज में मान-सम्मान की वृद्धि हो सकती है। जीवन में खुशियों की दस्तक हो सकती है।
मिथुन राशि पर प्रभाव: नए साल में चार राजयोगों का बनना जातकों को अनुकूल साबित हो सकता है। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। करियर में नए अवसर मिल सकते है।। संपत्ति, जमीन, वाहन या पुराने निवेश से लाभ हो सकता है। बेरोजगारों के लिए नौकरी के अवसर मिल सकते है। व्यापारियों को इस अवधि में नए ऑर्डर मिल सकते है। मीडिया, लेखन, शिक्षा, आईटी और व्यापार से जुड़े लोगों को विशेष सफलता मिल सकती है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे जातकों को कोई शुभ समाचार मिल सकता है। आय के नए स्रोत बनेंगे । समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा।आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
वृष राशि का प्रभाव: एक साथ 4 राजयोग का बनना जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। भाग्य के द्वार खोल सकता है।आर्थिक स्थिति मजबूत होगी । संपत्ति, वाहन या घर खरीदने के प्रबल योग बनेंगे। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा ।संतान की ओर से गुड न्यूज मिल सकती है ।समय- समय पर आकस्मिक धनलाभ हो सकता है। आय के नए माध्यम बन सकते हैं। सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पुराने कर्ज से राहत मिल सकती है।काम- कारोबार के संबंध से यात्रा कर सकते हैं ।
कुंडली में कब बनता है राजयोग
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आदित्य का मतलब सूर्य से होता है इस तरह से जब कुंडली में सूर्य और बुध दोनों ग्रह एक साथ मौजूद हों तो बुधादित्य राजयोग बनता है।बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में मौजूद रहता है उसे वह मजबूत बना देते है। कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है।उसे धन, सुख-सुविधा, वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आदित्य का मतलब सूर्य से होता है इस तरह से जब कुंडली में सूर्य और शुक्र दोनों ग्रह एक साथ मौजूद हों तो शुक्रादित्य राजयोग और जब कुंडली में सूर्य मंगल साथ होते है तो मंगल आदित्य राजयोग बनता है।इस राजयोग से जातकों को विशेष फल की प्राप्ति होती है।उसे धन, सुख-सुविधा, वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गजकेसरी योग मतलब हाथी के ऊपर सवार सिंह। इस योग में चंद्रमा की युति गुरु, बुध और शुक्र के साथ होती है।अगर चंद्रमा ,गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण जातक की कुंडली में होता है । अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो तो इस योग का निर्माण होता है।यदि चंद्र या गुरु में से कोई भी एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो भी गजकेसरी योग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)





