ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों, राशियों और कुंडली और नक्षत्र का बड़ा महत्व माना जाता है। हर ग्रह एक निश्चित अंतराल के बाद एक से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, ऐसे में योग राजयोग और दुर्लभ संयोग बनते है। इसी क्रम में आज15 जून को मिथुन राशि में 3 बड़े ग्रह सूर्य, गुरू और बुध मिलकर 3 राजयोग बनाने जा रहे है जो 3 राशियों के लिए बेहद शुभ साबित हो सकते है।
ज्योतिष के मुताबिक, वर्तमान में ज्ञान, धर्म, भाग्य और संतान के कारक देवताओं के गुरू बृहस्पति और बुद्धि व्यापार के कारक बुध मिथुन राशि में विराजमान है। आज 15 जून को पिता, आत्मा के कारक सूर्य भी मिथुन में प्रवेश करेंगे, ऐसे में सालों बाद बुध की राशि मिथुन में सूर्य गुरू की युति से गुरू आदित्य और बुधादित्य राजयोग का निर्माण होगा ।इसके साथ ही मिथुन राशि में ग्रहों के राजा सूर्य, ग्रहों के राजकुमार बुध और गुरू के आने से त्रिग्रही योग भी बनेगा।
3 राशियों को मिलेगा ट्रिपल राजयोग का लाभ
मिथुन राशि : गुरू आदित्य राजयोग से अविवाहित के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है। व्यापार में मुनाफा मिल सकता है।भूमि और संपत्ति से संबंधित मामलों में लाभ मिल सकता है। संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है। समाज में मान सम्मान बढ़ेगा। लंबे समय से सोची हुई योजनाएं सफल होंगी। बुधादित्य राजयोग से अटके व रूके कामों को गति मिल सकती है। आकस्मिक धनलाभ की प्राप्ति हो सकती है।जो नौकरी या किसी अन्य परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उन्हें शुभ समाचार मिलने की संभावना है। करियर में बदलाव लाने या नया व्यवसाय शुरू करने के लिए समय अनुकूल रहेगा।आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
सिंह राशि : एक साथ तीन राजयोग का बनना जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। सूर्य-गुरु का आर्शीवाद मिलेगा। भाग्य का साथ मिल सकता है।करियर में उन्नति और निवेश से लाभ के प्रबल योग बनेंगे। इस अवधि में शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी में लाभ हो सकता है।आय़ में जबरदस्त इजाफा हो सकता है।नौकरी में नए मौके मिल सकते है। रुका हुआ धन वापस मिलने की संभावना है। विदेश यात्रा से लाभ मिल सकता है। समाज में मान-सम्मान की वृद्धि हो सकती है। विवाह के लिए प्रस्ताव आ सकते है। शत्रुओं पर विजय और कोर्ट-कचहरी मामलों में सफलता मिल सकती है। आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।जीवन में खुशियों की दस्तक हो सकती है।
तुला राशि: बुधादित्य गुरू आदित्य राजयोग का बनना जातकों के लिए अनुकूल सिद्ध हो सकता है।परिवार और भाग्य का साथ मिल सकता है। देश- विदेश की यात्रा कर सकते हैं। छात्रों की विदेश में जाकर पढ़ाई करने की इच्छा पूरी हो सकती है। घर- परिवार में कोई धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम हो सकता है।आपके बैंक- बैलेंस में बढ़ोतरी हो सकती है।आकस्मिक धनलाभ की प्राप्ति हो सकती है।जो धर्म, यात्रा और उच्च शिक्षा से जुड़े लोगों के रुके हुए कार्य पूरे हो सकते हैं और भाग्य आपका साथ देगा।आध्यात्मिक कार्यों में रूचि बढेगी। त्रिग्रही योग से नौकरीपेशा जातकों को लाभ होगा, वहीं व्यापारियों की आर्थिक योजनाएं सफल होंगी। करियर में नई राह दिखेगी।
कब बनता है बुधादित्य राजयोग
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आदित्य का मतलब सूर्य से होता है इस तरह से जब कुंडली में सूर्य और बुध दोनों ग्रह एक साथ मौजूद हों तो बुधादित्य राजयोग बनता है।बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में मौजूद रहता है उसे वह मजबूत बना देते है। कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है।उसे धन, सुख-सुविधा, वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य और बृहस्पति एक ही राशि में एक साथ आते हैं या एक-दूसरे पर दृष्टि डालते हैं, तब गुरु आदित्य योग का निर्माण होता है। इस योग को अत्यंत शुभ और प्रभावशाली माना गया है।जिसकी कुंडली में यह राजयोग बनता है वह जीवन में ज्ञान, धन, यश, मान-सम्मान, और वैवाहिक तथा पारिवारिक सुख प्राप्त करता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)





