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Tue, Dec 16, 2025

सीएम डॉ मोहन यादव के निर्देश, गौशालाओं के प्रबंधन में धार्मिक संस्थाओं और दानदाताओं को जोड़ें, देसी नस्ल गौपालन को प्रोत्साहित करें

Written by:Atul Saxena
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मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश में उपलब्ध पशुधन के अनुपात में पशु चिकित्सकों की संख्या कम है। गौवंश के बेहतर प्रबंधन और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए पशु चिकित्सकों की संख्या में बढ़ोतरी आवश्यक है। इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएं। 
सीएम डॉ मोहन यादव के निर्देश, गौशालाओं के प्रबंधन में धार्मिक संस्थाओं और दानदाताओं को जोड़ें, देसी नस्ल गौपालन को प्रोत्साहित करें

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि गौसंरक्षण और गौसंवर्धन हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है उन्होंने आज सोमवार को मंत्रालय में मध्य प्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड के अंतर्गत संचालित कार्यों की विस्तृत समीक्षा कर देसी नस्ल के गौपालन को प्रोत्साहित करने और गौशालाओं के प्रबंधन में धार्मिक संस्थाओं व दानदाताओं को जोड़ने हेतु निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश में देसी नस्ल के गौपालन को प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिए।

सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा  हमारी सरकार गौशालाओं के स्वावलंबन, गौपालकों के उत्थान और किसानों की आय में निरंतर वृद्धि हेतु निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आत्मनिर्भर गौशाला, प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। गौ-शालाएं गोबर, गौमूत्र आदि अपशिष्ट से धन अर्जित कर संपन्न बन सकती हैं। स्वावलंबी गौशालाएं विकसित करने के लिए दुग्ध उत्पादों सहित गौमूत्र-गोबर आदि से निर्मित सामग्री के विक्रय की व्यवस्था विकसित की जाए।

देसी नस्ल के गौपालन को प्रोत्साहित किया जाए

सीएम ने कहा कि गौशालाओं में उपलब्ध स्थान का उपयोग सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन के लिए भी किया जाए। प्रदेश के विभिन्न अंचलों में स्थानीय परिवेश के अनुरूप देसी नस्ल के गौपालन को प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री ने गौशालाओं के प्रबंधन में धार्मिक संस्थाओं और दानदाताओं को जोड़ने के निर्देश भी दिए।

जनजातीय अंचलों में भी गौपालन गतिविधियों को दें बढ़ावा 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा अनुसार प्रदेश में देसी नस्ल के गौपालन को प्रोत्साहित करने के लिए गिर, साहीवाल, मालवी और नागौरी नस्ल के पशुधन को प्रोत्साहित किया जाए। प्रदेश के जनजातीय अंचलों में भी गौपालन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए आवश्यक नवाचार किए जाएं।

बैठक में इन बिन्दुओं की दी गई जानकारी 

  • बैठक में जानकारी दी गई कि गौसंवर्धन बोर्ड द्वारा गौशाला समितियों के बैंक खातों में राज्य स्तर से सीधे राशि अंतरित की जा रही है।
  • बोर्ड द्वारा 937 नवीन गौशालाओं की स्थापना उपरांत पंजीयन किया गया है, जिसमें एक लाख 10 हजार गौवंश को आश्रय प्राप्त है।
  • वर्ष 2024-25 में विदिशा, देवास, आगर-मालवा, ग्वालियर, दमोह, सतना तथा रीवा में बायोगैस सह जैविक खाद निर्माण संयंत्र स्थापित किए गए।
  • नगर निगम ग्वालियर, इंदौर तथा उज्जैन ने वृहद गौशालाओं का संचालन आरंभ किया गया है।
  • भोपाल और जबलपुर में गौशालाओं की स्थापना का कार्य जारी है।
  • बैठक में स्वावलंबी गौशालाओं की स्थापना की नीति की प्रगति पर भी समीक्षा हुई।