Mon, Dec 29, 2025

उमंग सिंघार की घोषणा, आदिवासियों के पट्टे को लेकर कांग्रेस विधायकों की एक कमेटी बनाएगी, विधानसभा में लड़ेंगे लड़ाई

Written by:Atul Saxena
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उमंग सिंघार ने आरोप लगाया, आदिवासियों से छीनकर भाजपा के लोगों को पट्टा दिया जा रहा है, उनके घर तोड़े जा रहे हैं, फसलों पर ट्रैक्टर चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि 15 दिन में सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया तो नेपानगर में बड़ा आंदोलन होगा।
उमंग सिंघार की घोषणा, आदिवासियों के पट्टे को लेकर कांग्रेस विधायकों की एक कमेटी बनाएगी, विधानसभा में लड़ेंगे लड़ाई

मध्य प्रदेश में आदिवासियों को दिए गए पट्टों को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को घेरा है, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय भोपाल में वरिष्ठ नेता अरुण यादव, कमलेश्वर पटेल, मुकेश नायक के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि आदिवासियों की लड़ाई विधानसभा में लड़ी जाएगी उन्होंने कहा कि आदिवासियों की पट्टे की जमीनों का हकीकत जानने के लिए कांग्रेस विधायकों की एक कमेटी भी बनाई जाएगी।

दरअसल बुरहानपुर जिले के नेपानगर में पिछले दिनों निरस्त किये गए आदिवासियों के पट्टे के बाद से कांग्रेस हमलावर है, और उसने आदिवासियों का समर्थन करते हुए भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, उमंग सिंघार ने कहा बिना नोटिस दिए, हितग्राही से पूछे बगैर नेपानगर में 8 हजार पट्टे खारिज किए गए, ये सही नहीं है।

विधानसभा में लड़ेंगे आदिवासियों की लड़ाई  

कांग्रेस नेता ने काह आदिवासी कभी जंगल नहीं काटता लेकिन फॉरेस्ट गार्ड रिश्वत लेकर जंगल कटवा देते हैं, जंगल काटने की जांच होनई चाहिए। उन्होंने कहा 40 साल से काबिज लोगों से पट्टा नहीं छीना जा सकता है। सरकार सेटेलाइट इमेज भी नहीं निकालना चाहती।  लेकिन कांग्रेस अब चुप नहीं बैठेगी आदिवासियों की लड़ाई सड़क से विधानसभा तक लड़ेगी।

कांग्रेस ने दी बड़े आंदोलन की चेतावनी 

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा 50 साल पुराने पट्टे निरस्त किए जा रहे हैं। सरकार उस परिवार के बच्चों को जमीनें ट्रांसफर नहीं कर रही। आदिवासी लगातार पट्टा मांग रहे हैं, लेकिन दिए नहीं जा रहे। आज भी साढ़े 6 लाख आवेदन पेंडिंग हैं। मांग पूरी नहीं हुई तो कांग्रेस बड़ा आंदोलन करेगी।

आदिवासियों की जमीन बड़े उद्योगपति की नजर

वरिष्ठ नेता कमलेश्वर पटेल ने कहा कि प्रशासन द्वारा सरकार के इशारे पर ग्राम सभा के नियम दरकिनार किए जा रहे हैं। पेसा एक्ट का भी उल्लंघन किया जा रहा है।उन्होंने कहा आदिवासी वर्ग के संसाधनों पर किसी बड़े उद्योगपति की नजर है। सरकार उसी के हिसाब से कार्रवाई कर रही है।