जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) ने आखिरकार चुनावी पारी शुरू करने का ऐलान कर दिया है। बुधवार (03 सितंबर, 2025) को एक डिजिटल चैनल के कॉन्क्लेव में उन्होंने कहा कि वे रोहतास जिले की करगहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। इस सीट पर फिलहाल कांग्रेस के संतोष मिश्रा विधायक हैं। 2020 में यहां जेडीयू के वशिष्ठ सिंह दूसरे स्थान पर रहे थे। पीके ने कहा कि “किसी को अपनी जन्मभूमि या कर्मभूमि से ही चुनाव लड़ना चाहिए,” साथ ही नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि वे खुद कभी चुनाव लड़ते ही नहीं हैं।
जातीय समीकरण होगा निर्णायक
करगहर का राजनीतिक गणित जातीय समीकरणों पर आधारित माना जाता है। यहां करीब 40,000 कुर्मी, 32,000 रविदास और 30,000 ब्राह्मण वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं। इनके अलावा 30,000 यादव, 20,000 वैश्य, 20,000 कुशवाहा, 15,000 राजपूत, 14,000 पासवान, 12,000 नोनिया और 8,000 भूमिहार वोटर भी अहम हैं। विश्लेषकों का कहना है कि करगहर ब्राह्मण बहुल सीट है, यही कारण है कि पिछली बार कांग्रेस के संतोष मिश्रा को जीत मिली थी। हालांकि इस बार प्रशांत किशोर के मैदान में उतरने से समीकरण बदल सकते हैं।
तेजस्वी पर भी साधा निशाना
प्रशांत किशोर ने अपनी घोषणा के दौरान तेजस्वी यादव पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि “तेजस्वी राघोपुर से ही लड़ेंगे, और कहां से लड़ेंगे?” वहीं पीके ने अपने चुनावी इरादों को लेकर लचीलापन भी दिखाया। उन्होंने कहा कि अगर करगहर से नहीं लड़ते हैं, तो पार्टी के निर्णय के अनुसार राघोपुर से चुनाव लड़ सकते हैं। इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में नई हलचल मच गई है, क्योंकि दोनों सीटें जातीय और राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम मानी जाती हैं।





