केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल यह कुछ ऐसे स्कूल हैं। जिन्हें देश के टॉप सरकारी स्कूलों में गिना जाता है। इनमें अपने बच्चों का एडमिशन करवाने के लिए पेरेंट्स को काफी मशक्कत करते हुए देखा जाता है। ये ऐसे स्कूल होते हैं जो बच्चे का करियर सेट कर देते हैं। यही वजह है कि हर साल इन स्कूलों में बच्चों का एडमिशन करवाने के लिए पेरेंट्स को कोशिश करते हुए देखा जाता है।
केंद्रीय विद्यालय देश की सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक है। इस स्कूल की देखने में 1200 से ज्यादा शाखाएं हैं और विदेशों में ये स्कूल संचालित होते हैं। अगर आप भी इस स्कूल में अपने बच्चों का एडमिशन करवाना चाहते हैं तो उसके पहले आपको यह जान लेना जरूरी है कि यहां बच्चों को किस भाषा में पढ़ाया जाता है। सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध ये स्कूल देश के टॉप स्कूलों में से एक है।
इंग्लिश या हिंदी मीडियम
केंद्रीय विद्यालय में बच्चों को एडमिशन दिलवाने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि आखिरकार यह हिंदी मीडियम होते हैं या फिर इंग्लिश मीडियम। आपको बता दें कि यहां की प्राथमिक भाषा हिंदी और अंग्रेजी है। दरअसल ये सरकारी स्कूल द्विभाषी शिक्षा प्रणाली के तहत संचालित होता है। पहली से 12वीं तक के बच्चों को सीबीएसई सिलेबस के मुताबिक पढ़ाया जाता है। बच्चों को पढ़ने के लिए एनसीईआरटी की किताबों का इस्तेमाल होता है। पहले से 5 बजे तक के बच्चों के लिए अधिकतर विषय हिंदी और इंग्लिश दोनों में पढ़ाए जाते हैं। इस कारण से बच्चे दोनों ही भाषाओं में अच्छे कमान हासिल कर लेते हैं।
6th के बाद आता है बदलाव
पहले से पांचवी तक तो बच्चों को हिंदी और इंग्लिश दोनों ही भाषाओं में पढ़ाया जाता है। इसके बाद कक्षा 6 से लेकर दसवीं तक सोशल साइंस, साइंस और मैथ्स जैसे सब्जेक्ट इंग्लिश में पढ़ाए जाते हैं। इसके साथ हिंदी ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में अवेलेबल रहती है। इसके अलावा जो बच्चे 11th और 12th में कॉमर्स और आर्ट्स स्ट्रीम लेते हैं। उनके लिए हिंदी मीडियम का ऑप्शन ज्यादा होता है। साइंस के लिए इंग्लिश प्राइमरी लैंग्वेज है। वहीं कुछ स्थानों पर तमिल, तेलुगु, बंगाली जैसी क्षेत्रीय भाषाओं पर भी फोकस किया जाता है।
केंद्रीय विद्यालय की सुविधाएं (Kendriya Vidyalaya)
हाई क्वालिटी एजुकेशन
केंद्रीय विद्यालय अपनी हाई क्वालिटी एजुकेशन के लिए पहचाने जाते हैं। यहां पर सीबीएसई पाठ्यक्रम और एनसीईआरटी की किताबों से बच्चों को हाई लेवल की शिक्षा दी जाती है। जो बच्चे प्रतियोगी परीक्षा NEET, JEE, UGC NET की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें यहां से स्ट्रांग बेस मिलता है।
कम रहती है फीस
प्राइवेट स्कूलों की तुलना में केंद्रीय विद्यालय के फीस काफी कम होती है। सामान्य परिवार के जो पेरेंट्स अपने बच्चों को इस स्कूल में पढ़ना चाहते हैं। उन्हें यहां बहुत ही किफायती कीमत में बहुत सारे सुविधा मिल जाते हैं।
मिलती है मुफ्त सुविधा
कम फीस में उच्च शिक्षा देने के अलावा केंद्रीय विद्यालय अपनी मुफ्त की सुविधा के लिए भी पहचाने जाते हैं। यहां पर एसटी एससी, बीपीएल, सेना और पैरामिलिट्री कर्मचारियों के बच्चों को बिना ट्यूशन फीस के पढ़ाया जाता है।
आसानी से हो जाता है ट्रांसफर
केंद्रीय विद्यालय की दूसरी सबसे अच्छी बात यह है कि यहां पर जो बच्चे पढ़ते हैं अगर उनके पेरेंट्स का ट्रांसफर हो जाता है तो दूसरे शहर के स्कूल में बच्चों को डायरेक्ट प्रवेश मिल जाता है। इस स्कूल में अक्सर केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों के बच्चे पढ़ते हैं। ऐसे में उन्हें ट्रांसफर के कारण एडमिशन में होने वाली दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता।





