छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ नगर पालिका क्षेत्र के हजारों रहवासी एक बड़ी परेशानी से जूझ रहे हैं। बाजार क्षेत्र में रह रहे लोगों की जमीनें राजस्व विभाग की गलती के चलते लीज एरिया घोषित हो गई हैं। इससे यहां मकान बनाकर रह रहे और व्यापार कर रहे लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लोग वर्षों से भूमि का पट्टा मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन शासन स्तर पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
इसको लेकर शहर में “नजूल संघर्ष समिति” का गठन किया गया है, जो लगातार शासन और प्रशासन से भूमि रिकॉर्ड दुरुस्त कर पट्टा देने की मांग कर रही है। हाल ही में समिति का एक प्रतिनिधिमंडल रायपुर पहुंचा और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल के साथ स्वास्थ्य मंत्री और मनेंद्रगढ़ विधायक श्याम बिहारी जायसवाल भी मौजूद थे।
क्या है मामला?
जानकारों के अनुसार, आजादी से पहले कोरिया रियासत के राजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने 1930-31 में मनेंद्रगढ़ बसाया था। उस समय लोगों को मालिकाना हक के साथ भूमि दी गई थी, जिसके दस्तावेज आज भी लोगों के पास मौजूद हैं। इसके बाद 1936 में नगर पालिका बनने के बाद भी पालिका अध्यक्ष की ओर से रहवासियों को मालिकाना हक दिए गए। लेकिन 1950 में भूमि का अधिकार राजस्व विभाग को सौंप दिया गया और 1952 में नजूल मेंटेनेंस खसरा तैयार किया गया।
1997-98 में इस खसरे में त्रुटिपूर्वक कई जमीनों को लीज एरिया के रूप में दर्ज कर दिया गया। इसके बाद से लगातार रहवासी इस गलती को सुधारने की मांग कर रहे हैं। 2014 में तत्कालीन कोरिया कलेक्टर अविनाश चंपावत ने भी अपने आदेश में इसे राजस्व विभाग की गलती माना था और सुधार के निर्देश दिए थे, लेकिन कोई अमल नहीं हुआ।
क्या है लोगों की समस्या?
लोगों को अब तक मालिकाना पट्टा नहीं मिला है
- खरीदी-बिक्री ठप है
- बैंक से लोन नहीं मिल रहा
- व्यापारी विकास और विस्तार नहीं कर पा रहे
- भवन निर्माण और व्यवसायिक गतिविधियों में अवरोध आ रहा है
नेताओं से मुलाकात
समिति के लोगों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव सिंह समेत कई बड़े नेताओं से मुलाकात की है। उन्होंने 12 जनवरी 2017 के शासन परिपत्र के आधार पर भू-धारकों को भूस्वामी अधिकार देने की मांग की है। इस पूरे मामले पर मनेंद्रगढ़ विधायक श्याम बिहारी जायसवाल का कहना है कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है। जल्द ही कोई सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा जिससे क्षेत्र के लोगों को मालिकाना हक मिल सके।





