भावनगर महानगरपालिका के मेयर भरत बार्डे के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने गुजरात की राजनीति में हलचल मचा दी है। भरत बार्डे ने भाजपा के एक व्हाट्सएप ग्रुप में आत्मविलोपन (आत्महत्या) की चेतावनी देते हुए लंबा संदेश पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने खुद के साथ हो रहे अन्याय और पार्टी में वरिष्ठ कार्यकर्ता होने के बावजूद नजरअंदाज किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि 1978 से वे पार्टी के लिए समर्पित रहे हैं, लेकिन अब कुछ लोग उन्हें निशाना बना रहे हैं। इस पोस्ट के बाद पार्टी ग्रुप के एडमिन ने सभी मैसेज डिलीट कर दिए।
भरत बार्डे ने दी आत्महत्या की चेतावनी
भरत बार्डे के संदेश में उन्होंने खुद को पार्टी का सच्चा और मेहनती कार्यकर्ता बताया और लिखा कि उन्होंने कभी अपने निजी कार्यों को प्राथमिकता नहीं दी। उन्होंने कहा कि वे किसी की सिफारिश से नहीं, बल्कि अपनी मेहनत के बल पर भाजपा में आए हैं और पार्टी ने ही उन्हें मेयर बनाया। उन्होंने यह भी लिखा कि यदि उन्हें गलत तरीके से दबाने की कोशिश की गई तो वे आत्मविलोपन कर सकते हैं और जाने से पहले कुछ राज खोलकर जाएंगे।
अपने बयान से लिया यू-टर्न
यह विवाद ऐसे समय सामने आया है जब भाजपा प्रभारी रत्नाकरजी का भावनगर दौरा तय है। भरत बार्डे के बयान ने पार्टी के अंदर गुटबाजी की ओर इशारा किया। हालांकि, जब मामला तूल पकड़ने लगा तो मंगलवार सुबह भरत बार्डे ने मीडिया के सवालों के जवाब में अपने बयान से यू-टर्न लेते हुए कहा कि यह सब पार्टी ग्रुप में हुई आपसी बातचीत थी और उसका कोई गहरा मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे पार्टी के वरिष्ठ सदस्य हैं और किसी से कोई शिकायत नहीं है।
आत्मविलोपन की धमकी पर सफाई देते हुए भरत बार्डे ने कहा कि भाजपा उनके लिए परिवार जैसी है और पार्टी में उनके प्रति कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कोई शिकायत नहीं की है और उन्हें अपनी पार्टी पर पूरा गर्व है।





