भारत में मोबाइल यूजर्स के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। स्पैम और फ्रॉड कॉल्स की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों ने एक नई तकनीक का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। रिलायंस जियो (Jio), एयरटेल (Airtel), वोडाफोन आइडिया (Vi) और BSNL ने चुनिंदा सर्किलों में कॉलर नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) फीचर को रोलआउट करना शुरू कर दिया है।
यह नया फीचर यूजर्स को इनकमिंग कॉल के दौरान कॉलर का असली नाम स्क्रीन पर देखने की सुविधा देगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोग अनजान नंबरों से आने वाली कॉल्स की असलियत जान सकेंगे और साइबर ठगी का शिकार होने से बचेंगे।
क्या है CNAP और यह कैसे काम करता है?
CNAP यानी ‘कॉलर नेम प्रेजेंटेशन’ एक ऐसी तकनीक है जो सीधे टेलीकॉम ऑपरेटर के डेटाबेस से जुड़ी होती है। जब भी आपको कोई कॉल करेगा, तो आपके फोन की स्क्रीन पर वही नाम दिखाई देगा जो उस व्यक्ति ने सिम कार्ड खरीदते समय अपने दस्तावेजों (KYC) में दिया था।
यह ट्रूकॉलर (Truecaller) जैसे थर्ड-पार्टी ऐप्स से बिल्कुल अलग है। थर्ड-पार्टी ऐप्स अक्सर क्राउड-सोर्सिंग डेटा पर निर्भर करते हैं, जिसे बदला जा सकता है। लेकिन CNAP में दिखने वाला नाम आधिकारिक रिकॉर्ड पर आधारित होगा, जिससे जानकारी की विश्वसनीयता काफी बढ़ जाएगी और इसे आसानी से बदला नहीं जा सकेगा।
किन राज्यों में शुरू हुई सुविधा?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिलायंस जियो ने इस मामले में बाजी मारी है। कंपनी ने पश्चिम बंगाल, केरल, बिहार, यूपी ईस्ट, राजस्थान, पंजाब, असम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और ओडिशा जैसे कई सर्किलों में CNAP को लाइव कर दिया है।
वहीं, भारती एयरटेल ने पश्चिम बंगाल, गुजरात, मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में इस फीचर को लॉन्च किया है। वोडाफोन आइडिया (Vi) ने महाराष्ट्र में इसे शुरू कर दिया है, जबकि तमिलनाडु में इसका आंशिक रोलआउट जारी है। सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL फिलहाल पश्चिम बंगाल में ट्रायल आधार पर इस सर्विस की टेस्टिंग कर रही है।
‘साइलेंट कॉल्स’ को लेकर DoT की चेतावनी
इस नई सुविधा के साथ ही दूरसंचार विभाग (DoT) ने मोबाइल यूजर्स को एक नए तरह के फ्रॉड के प्रति आगाह किया है। विभाग ने ‘साइलेंट कॉल्स’ (Silent Calls) को लेकर चेतावनी जारी की है। ये ऐसी कॉल्स होती हैं जिनमें फोन उठाने पर दूसरी तरफ से कोई आवाज नहीं आती।
DoT के मुताबिक, जालसाज अक्सर यह जांचने के लिए ऐसी कॉल्स करते हैं कि मोबाइल नंबर एक्टिव है या नहीं। एक बार पुष्टि होने के बाद, उस नंबर को फिशिंग या अन्य घोटालों के लिए टारगेट किया जाता है। विभाग ने सलाह दी है कि ऐसे नंबरों को तुरंत ब्लॉक करें और ‘संचार साथी’ (Sanchar Saathi) पोर्टल पर रिपोर्ट करें। रिपोर्टिंग से न केवल आप सुरक्षित रहते हैं, बल्कि अन्य यूजर्स को भी फ्रॉड से बचाया जा सकता है।
आने वाले हफ्तों में जैसे-जैसे टेलीकॉम ऑपरेटर्स अपनी टेस्टिंग और सिस्टम इंटीग्रेशन पूरा कर लेंगे, CNAP सुविधा का विस्तार देश के अन्य सर्किलों में भी किया जाएगा।





