Mon, Dec 29, 2025

गुजरात FRC का बड़ा कदम, 5,780 प्राइवेट स्कूलों की फीस जारी, ऑनलाइन ऐसे करें चेक 

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अब प्राइवेट स्कूल छात्रों और अभिभावकों से फीस नहीं छुपा पाएंगे। गुजरात एफआरसी ने ऑनलाइन फीस स्ट्रक्चर जारी कर दिया है। आधिकारिक वेबसाइट पर विद्यालय का नाम दर्ज करके शुल्क जान सकते हैं। 
गुजरात FRC का बड़ा कदम, 5,780 प्राइवेट स्कूलों की फीस जारी, ऑनलाइन ऐसे करें चेक 

गुजरात फीस रेगुलेटरी कमिटी (Gujarat FRC) ने 5,780 प्राइवेट स्कूलों का फीस स्ट्रक्चर ऑनलाइन जारी कर दिया है। अभिभावक और विद्यार्थी ऑनलाइन अलग-अलग जोन के विद्यालयों का शुल्क एफआरसी के आधिकारिक वेबसाइट http://www.frcgujarat.org पर जाकर चेक कर सकते हैं। यह कदम एजुकेशन सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उठाया गया है। स्कूल मनमानी फीस की वसूली भी नहीं कर पाएंगे।

अभिभावकों की शिकायतों को देखते हुए एफआरसी ने यह अहम फैसला लिया गया है। पहले फीस संरचना की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाती थी। कई स्कूलों पर अलग-अलग तरीके से अतिरिक्त शुल्क लेने का आरोप भी लग चुके हैं। इसमें एडमिशन से लेकर टर्म फीस शामिल हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। पैरेंट्स अब घर बैठे वार्षिक फीस उर अतिरिक्त फीस को जान सकते हैं।

अहमदाबाद के 2500 से अधिक स्कूल लिस्ट में शामिल

अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और वडोदरा चार अलग-अलग जोन के प्राइवेट स्कूलों और उनकी फीस की सूची जारी कर दी गई है। इस लिस्ट में माध्यम, बोर्ड और जिले की जानकारी भी दी गई है। अहमदाबाद ज़ोन शहरी क्षेत्र में स्थित 2310 और ग्रामीण क्षेत्र में 294 स्कूलों का फीस स्ट्रक्चर उपलब्ध कराया गया है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए कक्षा के हिसाब से फीस निर्धारित की गई है।

ऐसे करें चेक फीस स्ट्रक्चर 

  1. सबसे पहले गुजरात एफआरसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  2. होमपेज पर “Approved Fees” के सेक्शन में जाएं।
  3. अब जोन को सेलेक्ट करें। नया पेज खुलेगा। स्कूल का नाम, बोर्ड, माध्यम और की लिस्ट दिखेगी।
  4. विद्यालय के सामने दिए गए “View Fee” के ऑप्शन पर क्लिक करें।
  5. अब स्टैन्डर्ड-वाइज शुल्क को चेक करें।

स्कूल अतिरिक्त फीस नहीं वसूल सकते 

फीस डिटरमिनेशन एक्ट 2017 के तहत कोई भी स्कूल एक्स्ट्रा फीस नहीं वसूल सकता। इसके बावजूद भी यदि नियमों का उल्लंघन होता है और स्कूल मंजूर फीस से अधिक फीस लेते हैं, तो इसे गैर-कानूनी माना जाएगा। ऐसी स्थिति में अभिभावक शिक्षा विभाग से शिकायत कर सकते हैं। इसके बाद संबंधित स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।