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Tue, Dec 16, 2025

योगी देवनाथ गुजरात में अनशन पर बैठे, जानें क्या है ये पूरा मामला?

Written by:Neha Sharma
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी और फायरब्रांड छवि वाले योगी देवनाथ ने गुजरात में अनशन शुरू कर दिया है। उनकी प्रमुख मांग है कि गौमाता को संवैधानिक रूप से 'राज्यमाता' का दर्जा दिया जाए।
योगी देवनाथ गुजरात में अनशन पर बैठे, जानें क्या है ये पूरा मामला?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी और फायरब्रांड छवि वाले योगी देवनाथ ने गुजरात में अनशन शुरू कर दिया है। उनकी प्रमुख मांग है कि गौमाता को संवैधानिक रूप से ‘राज्यमाता’ का दर्जा दिया जाए। योगी देवनाथ ने कच्छ जिले के मुख्यालय भुज में कलेक्टर कार्यालय के सामने सत्याग्रह शुरू किया है। शनिवार को बड़ी संख्या में संत और अनुयायी वहां पहुंचे और उनके आंदोलन को समर्थन दिया। योगी देवनाथ का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांग पूरी नहीं करती, वह अपना अनशन जारी रखेंगे।

योगी देवनाथ गुजरात में अनशन पर बैठे

यह अनशन ऐसे समय में हो रहा है जब कांग्रेस की एकमात्र सांसद गेनीबेन ठाकोर भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही हैं। बनासकांठा की सांसद ठाकोर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गाय को ‘राज्यमाता’ घोषित करने की मांग की थी। उन्होंने योगी देवनाथ के अनशन का समर्थन करते हुए कहा कि यह मांग धार्मिक भावनाओं से जुड़ी है और इसमें कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है। योगी देवनाथ ने भी कहा कि गौमाता भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की आत्मा हैं, इसलिए उन्हें राष्ट्र की माता जैसा सम्मान मिलना चाहिए। इससे पहले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी इसी मुद्दे पर आक्रामक रुख दिखा चुके हैं।

योगी देवनाथ ने अपने अनशन के दौरान कहा कि गौमाता केवल धार्मिक प्रतीक नहीं हैं बल्कि भारतीय अस्मिता और सांस्कृतिक विरासत की धरोहर हैं। इसलिए उन्हें राज्यमाता का संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए। प्रशासन उनकी हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है, जबकि उनके समर्थक लगातार उनके आंदोलन को मजबूत बना रहे हैं। वहीं, बीजेपी अभी इस मामले पर दूरी बनाए हुए है और कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

योगी देवनाथ को गुजरात में “योगी” के नाम से जाना जाता है और वह सोशल मीडिया पर भी बड़ा प्रभाव रखते हैं। वे राष्ट्रीय हिंदू संघ के संयोजक और कच्छ के एकल धाम मंदिर के महंत हैं। उन्होंने पहले बीजेपी के लिए प्रचार भी किया है और पार्टी में सक्रिय रहे हैं। साथ ही वे सनातन धर्म संरक्षण समिति गुजरात के प्रवक्ता भी हैं। अब उनका यह आंदोलन प्रदेश सरकार के लिए नई चुनौती बनता दिख रहा है, क्योंकि यह धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है और धीरे-धीरे इसका समर्थन बढ़ता जा रहा है।