हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और मंत्रीमंडल की खाली पोस्ट को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली में हाईकमान और वरिष्ठ मंत्रियों के साथ दो दिन की चर्चा के बाद शिमला लौटे और मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी हाईकमान को किसी का नाम सुझाव के तौर पर नहीं भेजा है, बल्कि केवल यह लिखा है कि प्रदेशाध्यक्ष किसी मंत्री को बनाया जाए या फिर एससी वर्ग से चुना जाए। सीएम ने कहा कि यह निर्णय पूरी तरह हाईकमान पर निर्भर करेगा कि मंत्री रहते हुए अध्यक्ष पद संभाला जा सकता है या नहीं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति के बाद ही मंत्रीमंडल का विस्तार किया जाएगा।
सीएम सुक्खू का बड़ा बयान
सराज में मंत्री के साथ बदसलूकी के मामले पर और इस पर भाजपा के प्रदर्शन व एफआईआर वापस लेने की मांग को लेकर सीएम सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार तिरंगे का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और कानून अपना काम करेगा। जो व्यक्ति दोषी नहीं पाया जाएगा, उसके खिलाफ एफआईआर हटा दी जाएगी। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर निशाना साधते हुए सीएम ने कहा कि मंत्री के विरोध में तिरंगे का इस्तेमाल करना उन्हें शोभा नहीं देता।
सराज में आपदा प्रभावितों को दी गई आर्थिक सहायता पर भी मुख्यमंत्री ने सवाल उठाए। भाजपा विधायक सुधीर शर्मा द्वारा दी गई 51 लाख रुपये की मदद को लेकर उन्होंने पूछा कि यह राशि कहां से आई। सीएम ने संदेह जताया कि यह वही रकम तो नहीं है जो पार्टी बदलने के बदले में ली गई थी। उन्होंने कहा कि यह भी जांच का विषय है कि दोनों बार 51-51 लाख रुपये का अमाउंट बैंक से निकाला गया या नहीं, और आगे की जांच में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
लॉटरी के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए सीएम सुक्खू ने कहा कि भाजपा शासित प्रदेशों में भी लॉटरी चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में लॉटरी पूरी तरह ऑनलाइन होगी और नियमों के तहत संचालित की जाएगी। जो खेलना चाहे वो खेले, न खेलना चाहे तो न खेले। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि लोग ड्रीम इलेवन जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी खेल रहे हैं। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश, गोवा और केरल में भी लॉटरी का संचालन हो रहा है।





