Sat, Dec 27, 2025

जनवरी 2026 में कब-कब हैं व्रत और त्योहार? मकर संक्रांति से बसंत पंचमी तक पूरी लिस्ट

Written by:Bhawna Choubey
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जनवरी 2026 का महीना व्रत, त्योहार और धार्मिक आस्थाओं से भरपूर रहेगा। प्रदोष व्रत, सकट चौथ, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी और एकादशी जैसे पावन अवसर इस महीने आएंगे, जो पूजा-पाठ, दान और परंपराओं के लिए खास माने जाते हैं।
जनवरी 2026 में कब-कब हैं व्रत और त्योहार? मकर संक्रांति से बसंत पंचमी तक पूरी लिस्ट

जनवरी का महीना ठंड, छुट्टियों और त्योहारों का खास मेल लेकर आता है। इस महीने जहां एक ओर ठंडी हवाएं और स्वेटर-रजाइयों का मौसम रहता है, वहीं दूसरी ओर व्रत-त्योहारों की रौनक भी बनी रहती है। खासकर बच्चों के लिए यह महीना और भी पसंदीदा होता है, क्योंकि कई राज्यों में स्कूलों में शीतकालीन अवकाश रहता है और घर में त्योहारों की तैयारियां होती हैं।

जनवरी 2026 व्रत-त्योहारों के लिहाज से बेहद खास है। इस महीने मकर संक्रांति, लोहड़ी, सकट चौथ, मौनी अमावस्या, रथ सप्तमी और बसंत पंचमी जैसे बड़े पर्व मनाए जाएंगे। माघ माह की शुरुआत भी जनवरी में ही होती है, जिसे हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना गया है। जो लोग पूजा-पाठ, व्रत और धार्मिक कामों की योजना बनाते हैं, उनके लिए जनवरी व्रत 2026 व्रत लिस्ट जानना बहुत जरूरी है।

जनवरी 2026 में क्यों खास हैं व्रत-त्योहार

हिंदू पंचांग के अनुसार जनवरी का महीना पौष और माघ मास के बीच आता है। इस समय सूर्य उत्तरायण की ओर बढ़ता है, जिसे शुभ माना जाता है। इसी वजह से जनवरी में आने वाले व्रत-त्योहारों का धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा होता है। मकर संक्रांति से लेकर बसंत पंचमी तक का समय साधना, दान और शुभ कार्यों के लिए अच्छा माना गया है। इस दौरान लोग स्नान-दान करते हैं, व्रत रखते हैं और भगवान से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। जनवरी 2026 के व्रत-त्योहार न केवल धार्मिक आस्था से जुड़े हैं, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपराओं को भी जीवित रखते हैं।

मकर संक्रांति 2026

14 जनवरी 2026, बुधवार को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। इसे पूरे भारत में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। उत्तर भारत में मकर संक्रांति, पंजाब में लोहड़ी के बाद, तमिलनाडु में पोंगल और असम में बिहू के रूप में यह पर्व प्रसिद्ध है। मकर संक्रांति पर तिल, गुड़, खिचड़ी और दान का विशेष महत्व होता है। लोग नदियों में स्नान करते हैं और गरीबों को दान देते हैं। माना जाता है कि इस दिन किया गया दान कई गुना फल देता है।

लोहड़ी 2026

13 जनवरी 2026, मंगलवार को लोहड़ी का पर्व मनाया जाएगा। यह खासतौर पर पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। लोहड़ी नई फसल और खुशहाली का प्रतीक है। इस दिन लोग आग जलाकर उसके चारों ओर घूमते हैं, गीत गाते हैं और तिल, मूंगफली, रेवड़ी अर्पित करते हैं। जिन घरों में नया बच्चा हुआ हो या शादी हुई हो, वहां लोहड़ी का उत्सव और भी खास होता है।

सकट चौथ 2026

6 जनवरी 2026, मंगलवार को सकट चौथ या तिलकुटा चौथ का व्रत रखा जाएगा। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है और माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए इसे रखती हैं। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। जनवरी 2026 व्रत-त्योहार सूची में सकट चौथ का खास स्थान है, क्योंकि यह संतान से जुड़ा व्रत माना जाता है।

मौनी अमावस्या 2026

18 जनवरी 2026, रविवार को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी। यह दिन स्नान, दान और मौन व्रत के लिए बहुत पवित्र माना जाता है। इस दिन लोग गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। माना जाता है कि मौनी अमावस्या पर किया गया दान और पूजा जीवन के पापों को दूर करता है। कई लोग इस दिन पूरे दिन मौन रहकर आत्मशुद्धि करते हैं।

बसंत पंचमी 2026

23 जनवरी 2026, शुक्रवार को बसंत पंचमी मनाई जाएगी। यह दिन मां सरस्वती को समर्पित होता है। विद्यार्थी इस दिन विशेष रूप से पूजा करते हैं और पढ़ाई की शुरुआत करते हैं। बसंत पंचमी से बसंत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है। लोग पीले कपड़े पहनते हैं, पीले रंग के पकवान बनाते हैं और घरों में उत्सव का माहौल रहता है।

रथ सप्तमी और भीष्म अष्टमी का धार्मिक महत्व

25 जनवरी 2026, रविवार को रथ सप्तमी मनाई जाएगी। यह सूर्य देव को समर्पित पर्व है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य का रथ उत्तर दिशा की ओर गति करता है। 26 जनवरी 2026, सोमवार को भीष्म अष्टमी मनाई जाएगी। यह दिन महाभारत के महान योद्धा भीष्म पितामह को समर्पित होता है। इस दिन पितरों के लिए तर्पण और दान किया जाता है।

जया एकादशी 2026

29 जनवरी 2026, गुरुवार को जया एकादशी का व्रत रखा जाएगा। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि जया एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन लोग उपवास रखते हैं, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते हैं और रात में जागरण करते हैं।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।