Thu, Dec 25, 2025

Navratri 2024 के आठवें दिन करें ये खास उपाय, घर में होगी धन की वर्षा

Written by:Bhawna Choubey
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नवरात्रि 2024 के आठवें दिन, मां महागौरी की कृपा प्राप्त करने के लिए कुछ खास उपाय अपनाएं। इस दिन पीले रंग की वस्तुओं का दान करें, जैसे...
Navratri 2024 के आठवें दिन करें ये खास उपाय, घर में होगी धन की वर्षा

Navratri 2024: नवरात्रि के दौरान प्रत्येक दिन आदिशक्ति के विभिन्न रूपों की पूजा का विशेष महत्व होता है, जिससे साधक को शुभ फल प्राप्त होते हैं। नवरात्र के आठवें दिन, जिसे महागौरी अष्टमी भी कहा जाता है। मां महागौरी की पूजा का विधान है। मां पार्वती का यह रूप अत्यंत सरस और मोहक माना जाता है।

ऐसी मान्यता है की माता रानी के इस स्वरूप की आराधना करने से साधक सभी प्रकार के रोग और व्याधियों से मुक्त होता है। मां महागौरी की कृपा से जीवन में शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि का संचार होता है। जिससे साधक को आत्मिक को और भौतिक दोनों प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं।

इन चीजों का करें दान

नवरात्र का आठवां दिन गुरुवार को पड़ रहा है, जो कि दान और सेवा का विशेष समय है। इस दिन आप जरूरतमंदों को और गरीबों को पीले रंग की चीजों का दान करके मां महागौरी और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। पीले रंग के वस्त्र, हल्दी, केले, और पीले रंग की मिठाई जैसे लड्डू का दान करना शुभ माना जाता है। यह न केवल आपके पुण्य को बढ़ाता है। बल्कि आपके जीवन में सुख-समृद्धि और स्वास्थ का संचार भी करता है। इस दिन दान करने से साधक को विशेष लाभ और आशीर्वाद प्राप्त होता है।

करें गौरी चालीसा का पाठ

।।गौरी चालीसा।।

।।चौपाई।।

मन मंदिर मेरे आन बसो,

आरम्भ करूं गुणगान,

गौरी माँ मातेश्वरी,

दो चरणों का ध्यान।

पूजन विधि न जानती,

पर श्रद्धा है अपार,

प्रणाम मेरा स्वीकारिये,

हे माँ प्राण आधार।

नमो नमो हे गौरी माता,

आप हो मेरी भाग्य विधाता,

शरणागत न कभी घबराता,

गौरी उमा शंकरी माता।

आपका प्रिय है आदर पाता,

जय हो कार्तिकेय गणेश की माता,

महादेव गणपति संग आओ,

मेरे सकल क्लेश मिटाओ।

सार्थक हो जाए जग में जीना,

सत्कर्मो से कभी हटूं ना,

सकल मनोरथ पूर्ण कीजो,

सुख सुविधा वरदान में दीज्यो।

हे माँ भाग्य रेखा जगा दो,

मन भावन सुयोग मिला दो,

मन को भाए वो वर चाहूं,

ससुराल पक्ष का स्नेहा मैं पायु।

परम आराध्या आप हो मेरी,

फ़िर क्यों वर में इतनी देरी,

हमरे काज सम्पूर्ण कीजियो,

थोडे़ में बरकत भर दीजियो।

अपनी दया बनाए रखना,

भक्ति भाव जगाये रखना,

गौरी माता अनसन रहना,

कभी न खोयूं मन का चैना।

देव मुनि सब शीश नवाते,

सुख सुविधा को वर मैं पाते,

श्रद्धा भाव जो ले कर आया,

बिन मांगे भी सब कुछ पाया।

हर संकट से उसे उबारा,

आगे बढ़ के दिया सहारा,

जब भी माँ आप स्नेह दिखलावे,

निराश मन में आस जगावे।

शिव भी आपका काहा ना टाले,

दया दृष्टि हम पे डाले,

जो जन करता आपका ध्यान,

जग में पाए मान सम्मान।

सच्चे मन जो सुमिरन करती,

उसके सुहाग की रक्षा करती,

दया दृष्टि जब माँ डाले,

भव सागर से पार उतारे।

जपे जो ओम नमः शिवाय,

शिव परिवार का स्नेहा वो पाए,

जिसपे आप दया दिखावे,

दुष्ट आत्मा नहीं सतावे।

सात गुण की हो दाता आप,

हर इक मन की ज्ञाता आप,

काटो हमरे सकल क्लेश,

निरोग रहे परिवार हमेशा।

दुख संताप मिटा देना माँ,

मेघ दया के बरसा देना माँ,

जबही आप मौज में आय,

हठ जय माँ सब विपदाएं।

जिस पे दयाल हो माता आप,

उसका बढ़ता पुण्य प्रताप,

फल-फूल मै दुग्ध चढ़ाऊ,

श्रद्धा भाव से आपको ध्यायु।

अवगुण दृष्टि दृष्टि दृष्टि मेरे ढक देना माँ,

ममता आंचल कर देना मां,

कठिन नहीं कुछ आपको माता,

जग ठुकराया दया को पाता।

बिन पाऊ न गुन माँ तेरे,

नाम धाम स्वरूप बहू तेरे,

जितने आपके पावन धाम,

सब धामो को मां प्राणम।

आपकी दया का है ना पार,

तभी को पूजे कुल संसार,

निर्मल मन जो शरण में आता,

मुक्ति की वो युक्ति पाता।

संतोष धन्न से दामन भर दो,

असम्भव को माँ सम्भव कर दो,

आपकी दया के भारे,

सुखी बसे मेरा परिवार।

आपकी महिमा अति निराली,

भक्तो के दुःख हरने वाली,

मनोकामना पुरन करती,

मन की दुविधा पल मे हरती।

चालीसा जो भी पढें सुनाया,

सुयोग वर् वरदान में पाए,

आशा पूर्ण कर देना माँ,

सुमंगल साखी वर देना माँ।

गौरी माँ विनती करूँ,

आना आपके द्वार,

ऐसी माँ कृपा किजिये,

हो जाए उद्धार।

हीं हीं हीं शरण में,

दो चरणों का ध्यान,

ऐसी माँ कृपा कीजिये,

पाऊँ मान सम्मान।