इंदौर की सादगी भरी गलियों से निकलकर एक बेटी ने ऐसा कारनामा कर दिखाया, जिसकी गूंज अब अंतरराष्ट्रीय खेल मंच तक सुनाई दे रही है। साउथ अफ्रीका में आयोजित मॉडर्न पेंटाथलॉन वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए भूमि अग्रवाल ने चार पदक अपने नाम कर इतिहास रच दिया। यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश की खेल प्रतिभा की ताकत का सबूत है।
खास बात यह है कि यह भूमि का पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था। पहली ही कोशिश में चार मेडल जीतकर उन्होंने न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे इंदौर और मध्यप्रदेश को गर्व से भर दिया। रविवार को जब वह इंदौर लौटीं, तो कॉलोनीवासियों ने फूल-मालाओं, आतिशबाजी और जुलूस के साथ उनका भव्य स्वागत किया।
वर्ल्ड चैंपियनशिप में भूमि अग्रवाल का ऐतिहासिक प्रदर्शन
साउथ अफ्रीका में आयोजित मॉडर्न पेंटाथलॉन वर्ल्ड चैंपियनशिप 2025 में भूमि अग्रवाल का प्रदर्शन अभूतपूर्व रहा। एक ही अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में चार पदक जीतने वाली वह मध्यप्रदेश की पहली खिलाड़ी बन गई हैं। भूमि ने व्यक्तिगत बायथल इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का परचम लहराया। इसके अलावा ट्रायथल व्यक्तिगत इवेंट में उन्होंने रजत पदक हासिल किया। वहीं बायथल मिक्स्ड रिले और ट्रायथल मिक्स्ड रिले में कांस्य पदक जीतकर भारत के खाते में कुल चार मेडल जोड़े।
क्यों सबसे कठिन खेलों में गिना जाता है मॉडर्न पेंटाथलॉन
मॉडर्न पेंटाथलॉन कोई सामान्य खेल नहीं है। इसमें खिलाड़ी की शारीरिक क्षमता के साथ-साथ मानसिक मजबूती की भी कड़ी परीक्षा होती है। भूमि अग्रवाल ने जिन बायथल और ट्रायथल इवेंट्स में पदक जीते, वे तकनीकी रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण माने जाते हैं। बायथल इवेंट में खिलाड़ी को पहले 800 मीटर दौड़ लगानी होती है, फिर तुरंत 100 मीटर तैराकी और इसके बाद दोबारा 800 मीटर की दौड़। इसमें स्टैमिना, स्पीड और रिकवरी तीनों की अहम भूमिका होती है। वहीं ट्रायथल इवेंट में स्विमिंग, साइक्लिंग और रनिंग शामिल होती है। हर इवेंट में टाइमिंग और तकनीक का संतुलन बनाए रखना आसान नहीं होता।
इंदौर से इंटरनेशनल मंच तक भूमि का सफर
भूमि अग्रवाल शिशुकुंज स्विमिंग एकेडमी से प्रशिक्षण ले रही हैं। इंदौर में हुई नेशनल बायथल प्रतियोगिता में उन्होंने स्वर्ण और रजत पदक जीते थे। इन्हीं शानदार प्रदर्शनों के आधार पर उनका चयन अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा के लिए हुआ। कोच और ट्रेनर्स बताते हैं कि भूमि शुरू से ही अनुशासित और मेहनती खिलाड़ी रही हैं। रोजाना घंटों की ट्रेनिंग, पढ़ाई और फिटनेस पर बराबर ध्यान देना उनकी दिनचर्या का हिस्सा रहा है। खेल के साथ पढ़ाई में भी भूमि हमेशा अव्वल रही हैं और 80 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करती रही हैं।
इंदौर वापसी पर हुआ भव्य स्वागत
रविवार को जब भूमि अग्रवाल इंदौर लौटीं, तो उनका स्वागत किसी स्टार खिलाड़ी से कम नहीं था। कॉलोनी के लोगों ने फूलों की मालाएं पहनाईं, ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस निकाला और जमकर आतिशबाजी की। हर चेहरे पर गर्व और खुशी साफ दिखाई दे रही थी। लोग कह रहे थे कि यह जीत सिर्फ भूमि की नहीं, बल्कि पूरे शहर की है।





