घर के अंदर जब प्यार की जगह तनाव ले लेता है, तो उसका सबसे बड़ा असर उस मासूम पर होता है जो खुद को दोनों से बराबर प्यार करता है। मां-बाप की बहसें और झगड़े बच्चों को अंदर ही अंदर तोड़ते हैं, जो धीरे-धीरे उनके व्यवहार, आत्मविश्वास और सोचने की क्षमता पर गहरा असर डालते हैं।
चाहे वो छोटे-मोटे तकरार हों या रोज़ के झगड़े, बच्चों के सामने जब यह सब बार-बार होता है, तो उनके दिमाग में एक डर और अस्थिरता घर कर लेती है। इस लेख में हम बताएंगे वो 3 नुकसान, जो माता-पिता की लड़ाई से बच्चों को होते हैं, और जिनसे बचना बेहद ज़रूरी है।
माता-पिता की लड़ाई से बच्चों को होने वाले 5 बड़े नुकसान
1. भावनात्मक असुरक्षा और डर
जब बच्चा रोज़ अपने मां-बाप को लड़ते हुए देखता है, तो उसके भीतर एक गहरी भावनात्मक असुरक्षा पैदा होती है। उसे लगता है कि घर अब सुरक्षित जगह नहीं है। यह डर उसे हर रिश्ते में अस्थिर बना देता है। इस असुरक्षा के कारण बच्चा या तो अधिक चुप हो जाता है या फिर आक्रामक स्वभाव का बन सकता है।
2. आत्मविश्वास और आत्म-मूल्य में कमी
झगड़े की वजह से कई बार बच्चा खुद को दोषी मानने लगता है, खासकर जब उसके सामने कहा जाए कि “तेरे लिए ही सब हो रहा है”। इससे बच्चे का आत्म-सम्मान टूटता है और वो खुद को कमतर समझने लगता है। इस मानसिकता के साथ बच्चा स्कूल और सोशल लाइफ में भी पिछड़ने लगता है।
3. भविष्य के रिश्तों में डर और भरोसे की कमी
जो बच्चा अपने बचपन में भरोसे और प्यार की जगह झगड़े देखता है, वह बड़े होकर रिश्तों से डरने लगता है। वह यह मान बैठता है कि सभी रिश्ते दर्द और तनाव से भरे होते हैं। इसका असर उसकी शादीशुदा ज़िंदगी या प्रोफेशनल रिलेशनशिप पर भी पड़ता है।





