मध्य प्रदेश के किसानों के लिए काम की खबर है। धान की खरीदी 20 जनवरी 2026 तक की जायेगी। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया है कि अब तक 4 लाख 9 हजार 545 किसानों से 25 लाख 93 हजार 971 मीट्रिक टन धान की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा चुकी है। किसानों को 3529 करोड़ रुपये से अधिक राशि का भुगतान डीबीटी (DBT) के माध्यम से उनके बैंक खातों में भी किया जा चुका है।
धान खरीदी: कितना मिलेगा समर्थन मूल्य
- मध्य प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 1 दिसंबर 2025 से जारी है, जो 20 जनवरी, 2026 तक चलेगी। राज्य सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य धान कॉमन का 2369 रुपये प्रति क्विंटल
और धान ग्रेड-ए का 2389 प्रति क्विंटल तय किया है। - समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन (MP State Civil Supplies Corporation) नोडल एजेंसी होगी। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने समस्त कलेक्टर्स, नागरिक आपूर्ति निगम तथा वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि उपार्जन नीति का पालन सुनिश्चित कराएं, जिससे किसानों को लाभ पहुंचाने की सरकार की मंशा पूरी हो सके। किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलने पर उपार्जन कार्य से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
8 लाख से ज्यादा किसानों ने कराया है पंजीयन
विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस बार धान विक्रय के लिये 8 लाख 59 हजार 916 किसानों ने पंजीयन कराया है। 1 दिसंबर से शुरू हुई धान खरीदी के लिये विभिन्न जिलों में 1434 केन्द्र बनाये गये हैं। खरीदी केंद्रों पर धान की तुलाई सोमवार से शुक्रवार तक की जा रही है। शनिवार और रविवार को खरीदी बंद रहती है। इस दिन परिवहन और भंडारण का काम पूरा होगा।
किसानों के लिए जरूरी बातें
- विभाग द्वारा घोषित उपार्जन नीति के अनुसार, जिले में उपार्जन केन्द्रों की संख्या का निर्धारण किसान पंजीयन, पंजीयन में दर्ज बोया गया रकबा एवं विगत वर्ष निर्धारित उपार्जन केन्द्रों के आधार पर राज्य उपार्जन समिति द्वारा किया जाएगा।
- समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिये 46 प्रतिशत पुराने और 54 प्रतिशत नवीन जूट बारदाने उपयोग किये जायेंगे।
- कृषि उपज मण्डियों में एफएक्यू (FAQ) मानक की धान खरीदी समर्थन मूल्य से कम पर क्रय नहीं किया जायेगा। नॉन एफएक्यू (FAQ) मानक उपज का सैम्पल कृषि उपज मण्डी द्वारा संधारित किया जायेगा।
- किसान पंजीयन में दर्ज फसल के रकबे एवं राजस्व विभाग द्वारा तहसीलवार निर्धारित उत्पादकता के आधार पर कृषक द्वारा खाद्यान्न की विक्रय योग्य अधिकतम मात्रा का निर्धारण किया जायेगा।
- कृषक द्वारा उपज बेचने के लिये उपार्जन केन्द्र एवं विक्रय दिनांक के चयन के लिये स्लॉट बुकिंग करानी होगी। खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है।
- उपार्जित खाद्यान्न का उपार्जन केन्द्र से गोदाम तक परिवहन का दायित्व उपार्जन एजेंसी का और धान को उपार्जन केन्द्र/गोदाम से सीधे मिलर्स तक परिवहन का दायित्व मिलर्स का होगा।





