महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। सोलापुर जिले के माढ़ा तालुका की डिप्टीएसपी अंजना (अंजली) कृष्णा के साथ उनकी फोन पर हुई बातचीत और वीडियो कॉल का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। यह मामला 1 सितंबर का है, जब कुरडू गांव में अवैध तरीके से मिट्टी का खनन हो रहा था।
शिकायत मिलने पर तहसील प्रशासन के साथ डिप्टीएसपी अंजना कृष्णा पुलिस बल लेकर कार्रवाई के लिए मौके पर पहुंचीं। उसी दौरान पवार के स्थानीय कार्यकर्ता बाबा जगताप ने अपने मोबाइल से उप मुख्यमंत्री को कॉल लगाया और अंजना कृष्णा से बात करवाई।
अजित पवार और महिला IPS की फोन पर नोकझोंक
वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि अजित पवार खुद को उप मुख्यमंत्री बताते हुए अधिकारी को तुरंत कार्रवाई रोकने का आदेश देते हैं। पवार कहते हैं कि “मैं आपको आदेश देता हूं, आप अपनी कार्रवाई बंद करें और वहां से लौट जाएं। आप अपने वरिष्ठ अधिकारी से कहें कि खुद उप मुख्यमंत्री का फोन आया था।” पवार ने यह भी कहा कि मुंबई का माहौल खराब है और हमें वहां प्राथमिकता देनी है। बातचीत के दौरान जब अंजना कृष्णा ने उनसे उनकी पहचान की पुष्टि करने के लिए कहा, तो पवार नाराज हो उठे और बोले – “मैं तुझ पर एक्शन लूंगा, तेरी डेयरिंग इतनी बढ़ गई है?” इसके बाद उन्होंने वीडियो कॉल कर चेहरा दिखाते हुए दोबारा कार्रवाई रोकने का आदेश दिया।
इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस और तहसील अधिकारियों के साथ गांव के लोगों और पवार के कार्यकर्ताओं के बीच बहस और गाली-गलौच भी हुई। पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद राजनीतिक हलकों में हंगामा मच गया। विपक्ष ने पवार पर न सिर्फ महिला आईपीएस अधिकारी को धमकाने का आरोप लगाया है, बल्कि अवैध खनन को बचाने का भी सवाल उठाया है। फिलहाल इस मामले में अब तक किसी तरह की आधिकारिक कार्रवाई नहीं हुई है।
इसी बीच डिप्टीएसपी अंजना कृष्णा को लोग “लेडी सिंघम” कहकर सराह रहे हैं। 2023 बैच की यह युवा आईपीएस अधिकारी मूल रूप से केरल के तिरुवनंतपुरम की रहने वाली हैं। उनके पिता कपड़ों की छोटी दुकान चलाते हैं, जबकि मां कोर्ट में टाइपिस्ट हैं। अंजना ने सेंट मैरीज सेंट्रल स्कूल, पूजाप्पुरा से पढ़ाई की और नीरामंकारा स्थित एनएसएस कॉलेज फॉर वुमेन से बीएससी गणित में स्नातक किया। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में उन्होंने 355वीं रैंक हासिल की थी। महज दो साल की सेवा में ही अपनी ईमानदारी, कड़े फैसलों और प्रशासनिक कौशल के लिए अंजना अब पूरे महाराष्ट्र में चर्चा का विषय बन गई हैं।





