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Sun, Dec 21, 2025

फडणवीस से मिले राज ठाकरे, उद्धव के साथ गठबंधन की अटकलों के बीच बढ़ी महाराष्ट्र की सियासी सरगर्मी

Written by:Neha Sharma
Published:
महाराष्ट्र की राजनीति में गुरुवार (21 अगस्त) को बड़ा मोड़ आया, जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने उनके वर्षा बंगले पर पहुंचे।
फडणवीस से मिले राज ठाकरे, उद्धव के साथ गठबंधन की अटकलों के बीच बढ़ी महाराष्ट्र की सियासी सरगर्मी

महाराष्ट्र की राजनीति में गुरुवार (21 अगस्त) को बड़ा मोड़ आया, जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने उनके वर्षा बंगले पर पहुंचे। इस मुलाकात में क्या बातचीत हुई, इसकी जानकारी आधिकारिक रूप से सामने नहीं आई है, लेकिन उद्धव ठाकरे के साथ उनके आने की अटकलों के बीच यह मुलाकात राजनीतिक हलकों में चर्चा का बड़ा विषय बन गई है। मुख्यमंत्री आवास से निकलते वक्त राज ठाकरे ने केवल इतना कहा कि वह मुलाकात की जानकारी बाद में अपने घर पहुंचकर देंगे। इससे उत्सुकता और भी बढ़ गई है।

CM देवेंद्र फडणवीस से मिले राज ठाकरे

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब राज ठाकरे सीएम फडणवीस से मिले हों, लेकिन मौजूदा हालात में यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। वजह यह है कि लंबे समय बाद उद्धव और राज ठाकरे ने बेस्ट क्रेडिट सोसाइटी चुनाव में साथ मिलकर मैदान में उतरने की कोशिश की थी। मगर इस चुनाव में ठाकरे गुट को कोई सफलता नहीं मिली और उनका खाता तक नहीं खुल पाया। इस असफलता के बाद अब राजनीतिक जानकार यह अनुमान लगा रहे हैं कि राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन को लेकर कितने गंभीर हैं और उनके मन में आगे की राजनीति को लेकर क्या योजना है।

आने वाले निकाय चुनावों को लेकर उद्धव ठाकरे गुट के नेता, खासकर संजय राउत, पहले ही कह चुके हैं कि मनसे के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जा सकता है। लेकिन इस पर अब तक राज ठाकरे या उनकी पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। न तो राज ठाकरे ने और न ही उनकी पार्टी के किसी नेता ने यह स्पष्ट किया है कि वे उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन करेंगे या नहीं। ऐसे में अटकलें लगातार जारी हैं और राजनीतिक समीकरणों को लेकर सस्पेंस बना हुआ है।

दरअसल, यह पहल खुद राज ठाकरे ने शुरू की थी। कुछ समय पहले उन्होंने ‘मराठी मानुस’ और ‘मराठी भाषा’ के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई थी। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने भी इस पर हामी भरते हुए कहा था कि अगर मराठी हित में पुराने गिले-शिकवे भुलाने पड़ें तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं होगा। इसी वजह से शिवसेना समर्थकों में भी उम्मीद जगी कि ठाकरे बंधु फिर से साथ आ सकते हैं। 5 जुलाई को दोनों नेता मराठी भाषा के समर्थन में एक ही मंच पर नजर आए और बाद में बेस्ट चुनाव में साथ लड़े। हालांकि, नतीजे निराशाजनक रहे। अब फडणवीस से राज ठाकरे की मुलाकात के बाद यह सवाल और गहराया है कि महाराष्ट्र की राजनीति में आगे कौन सा नया गठबंधन देखने को मिलेगा।