सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के सियाचिन (दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र) में एक अग्रिम चौकी का दौरा किया और 18 जम्मू-कश्मीर राइफल्स (JAK RIF) के सैनिकों से मुलाकात की। भारतीय सेना ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर तस्वीरें साझा करते हुए बताया कि जनरल द्विवेदी का यह दौरा भावनात्मक रूप से खास रहा, क्योंकि वे उस बटालियन में वापस लौटे। इसमें वे युवा सैनिक के रूप में कमीशन हुए थे और बाद में इसका नेतृत्व भी किया था। इस दौरान उन्होंने सात जूनियर कमीशंड ऑफिसर्स (JCOs) से मुलाकात की, जो उनके नेतृत्व में सेवा कर चुके थे।
इससे पहले शनिवार को जनरल द्विवेदी ने 26वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक में अपने संबोधन के दौरान एक नई ऑल-आर्म्स ब्रिगेड रुद्रा के गठन की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस ब्रिगेड के लिए मंजूरी एक दिन पहले ही मिली थी, जो भारत की परिचालन क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। जनरल द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन विजय की विरासत को आगे बढ़ाते हुए, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान की आक्रामक सैन्य कार्रवाइयों को एक बार फिर विफल किया। यह स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद को समर्थन देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र
जनरल द्विवेदी ने हाल ही में संपन्न ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने उसी साहस और दृढ़ संकल्प के साथ पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया और सीमा पार से होने वाली अन्य शत्रुतापूर्ण गतिविधियों को प्रभावी ढंग से निष्प्रभावी किया। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर हमारा संकल्प, संदेश और जवाब है।”
जनरल द्विवेदी ने क्या कहा
पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि इस कायराना हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। हालांकि, इस बार भारत ने कोई संदेह नहीं जताया, बल्कि सरकार का निर्णय था कि जवाब निर्णायक होगा। देशवासियों के अटूट विश्वास और सरकार की ओर से दी गई रणनीतिक स्वतंत्रता के साथ, भारतीय सेना ने दृढ़, सटीक और निर्णायक जवाब दिया।





